बिजली संकट की आशंका के बीच ऊर्जा और कोयला मंत्री से मिले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर संभावित बिजली संकट पर बातचीत की। बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय में करीब एक घंटे तक चली बैठक में तीनों मंत्रियों ने पावर प्लांट्स में कोयले की उललब्धता और बिजली की मांग पर चर्चा की थी। बैठक में नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के कई बड़े अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था।
कई राज्यों ने कही है कोयले की कमी की बात
दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल रहा है और बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। कई जगहों पर कुछ दिनों से पावर कट की समस्या चल रही है। हालांकि, सरकार की तरफ से कहा गया है कि पावर प्लांट्स की जरूरतें पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है और किसी भी राज्य को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पावर प्लांट्स के पास चार दिनों का कोयला
संभावित बिजली संकट की खबरों के बीच रविवार को कोयला मंत्रालय ने कहा कि पावर प्लांट्स के स्टॉक में अभी 72 लाख टन कोयला स्टोर है, जो चार दिनों के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा कोल इंडिया के पास चार करोड़ टन कोयला है, जो पावर प्लांट्स को भेजा जा रहा है। ऐसे में बिजली संकट का कोई भी डर पूरी तरह गलत है। बता दें कि देश में कोयले से संचालित होने वाले पावर प्लांट्स की संख्या 135 है
ऊर्जा मंत्री बोले- बेवजह दहशत पैदा की गई
बिजली संकट की आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि कोयले की कमी को लेकर बेवजह दहशत पैदा की गई है और ये गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (GAIL) के गलत संदेश के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं हुई है और न ही सरकार ऐसा होने देगी। उन्होंने कहा कि जिस भी राज्य को बिजली चाहिए, वह उन्हें पत्र लिखे।
ऊर्जा मंत्री बोले- मानसून में कम हो जाता है कोयले का भंडार
मंत्री ने कहा कि मानसून में खदानों में पानी भरने के कारण अक्सर कोयले का भंडार कम हो जाता है, लेकिन बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण मांग अधिक ही रहती है। अक्टूबर में मांग घटने के बाद भंडार भी बढ़ता जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश को कोयले का उत्पादन बढ़ाना होगा क्योंकि अर्थव्यवस्था में तेजी के कारण बिजली की मांग भी बढ़ रही है। सरकार इस संबंध में रोज समीक्षा कर रही है।
कोयला संकट की वजह क्या है?
भारी बारिश और दाम बढ़ने के कारण आयात में गिरावट जैसी कई वजहों से पावर प्लांट्स में कोयले की कमी होने लगी है। इससे दिल्ली और पंजाब समेत राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु में बिजली संकट पैदा होने का खतरा बना हुआ है। इस बीच बिजली की मांग में भी इजाफा हो गया है और इसके कारण संकट और गहरा गया है। पिछले दो महीनों में ही देश की बिजली खपत में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।