सुप्रीम कोर्ट को मिले नौ नए जज, पहली बार तीन महिला जजों की एक साथ नियुक्ति
केंद्र सरकार की अनुशंसा के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सुझाए सभी नौ नामों को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 24 से बढ़कर 33 हो जाएगी। इन नौ जजों में जस्टिस बीवी नागरत्ना का नाम भी शामिल हैं, जो आगे चलकर देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कुल स्वीकृत पद 34 हैं।
कॉलेजियम ने 17 अगस्त को भेजे थे नाम
मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना, जस्टिस यूयू ललित, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव वाले कॉलेजियम ने 17 अगस्त को नौ नामों की अनुशंसा की थी। इन नामों को केंद्र सरकार के पास भेजा गया था। यहां से हरी झंडी मिलने के बाद राष्ट्रपति ने नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले हफ्ते इन जजों का शपथ ग्रहण समारोह हो जाएगा और सुप्रीम कोर्ट लगभग पूरी क्षमता के साथ काम करने लगेगा।
मंजूरी पाने वाले नामों में आठ जज और एक वकील
सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले नौ नए जजों में से आठ जज और एक वकील हैं। इन नौ नामों में कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश एएस ओका (सभी हाई कोर्ट्स के मुख्य न्यायाधीशों में से सबसे वरिष्ठ) सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश जेके महेश्वरी, तेलंगाना की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली और गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ का नाम शामिल हैं। हिमा कोहली फिलहाल देश की एकमात्र महिला मुख्य न्यायाधीश हैं।
पहली बार एक साथ तीन महिला जजों की नियुक्ति
इनके अलावा कॉलेजियम ने केरल हाई कोर्ट के जज जस्टिस सीटी रवि कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस एमएम सुंदरेश, गुजरात हाई कोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी और केरल हाई कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिंहा के नाम की अनुशंसा की थी। इनमें से जस्टिस नागरत्ना पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं। यह पहली बार था, जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक साथ तीन महिला जजों के नाम नियुक्ति के लिए भेजे थे।
नौ नए जजों में से तीन बन सकते हैं CJI
अगर जस्टिस नागरत्ना मुख्य न्यायाधीश बनती हैं तो उनका 25 सितंबर से लेकर 29 अक्टूबर, 2027 तक होगा। उनके अलावा इन नौ नामों में से गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा भी मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। इनका कार्यकाल भी छोटा होगा। पूर्व एडिशनल सॉलिस्टर जनरल नरसिम्हा अगर आगे चल मुख्य न्यायाधीश बनते हैं तो वो सीधे वकील से इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे।
एक पद अब भी खाली
जस्टिस रोहिंटन नरीमन के रिटायर होने के बाद कॉलेजियम ने इन नौ नामों की अनुशंसा सरकार के पास भेजी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस नरीमन के कॉलेजियम में रहते हुए कई नामों पर सहमति नहीं बन पा रही थी। 17 अगस्त को जब कॉलेजियन ने ये नाम सरकार को भेजे थे, तब सुप्रीम कोर्ट में नौ पद खाली थी। इससे अगले दिन ही जस्टिस नवीन सिन्हा के रिटायर होने के बाद खाली पदों की संख्या 10 हो गई थी।