सरकार ने अफगानिस्तान की महिला सांसद को वापस भेजना बताया गलती, इमरजेंसी वीजा की पेशकश की
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान की एक महिला सांसद को दिल्ली हवाई अड्डे से वापस भेजना गलती थी।
सरकार ने फरयाब प्रांत का प्रतिनिधित्व करने वाली वोलेसी जिरगा की सदस्या रंगीना कागर से संपर्क साधकर माफी मांगी है और उन्हें भारत आने के लिए इमरजेंसी वीजा का आवेदन करने को कहा गया है।
गुरुवार को अफगानिस्तान के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सांसद को वापस भेजने का मुद्दा उठाया गया था।
पृष्ठभूमि
20 अगस्त को भारत आई थीं कारगर
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कारगर 20 अगस्त को इस्तांबुल से फ्लाई दुबई की उड़ान में सवार होकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची थीं।
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर होने की वजह से उन्हें भारत में वीजा की जरूरत नहीं होती। इसके बावजूद उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया और लंबा इंतजार कराने के बाद वापस इस्तांबुल भेज दिया गया।
गुरुवार की हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाया था।
प्रतिक्रिया
सरकार ने कहा- अनजाने में हुई चूक
कांग्रेस नेताओं ने बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा कि पहले भी कई बार भारत आ चुकीं और डिल्पोमेटिक पासपोर्ट होल्डर अफगानिस्तान की वरिष्ठ नेत्री के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया गया?
इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि यह अनजाने में हुई चूक थी क्योंकि ऐसी खबरें थी कि तालिबान ने भारतीय वीजा के साथ कुछ पासपोर्ट छीन लिए हैं। इसके चलते अलर्ट भी जारी किया गया था।
बयान
खड़गे बोले- सरकार ने खेद जताया
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए खड़गे ने कहा, "हमने यह मुद्दा उठाया था। विदेश मंत्री ने कहा कि यह गलती थी और भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होगी। सरकार ने इस पर खेद जताया है।"
जानकारी
सरकार ने कारगर से संपर्क साधा
कारगर ने कहा, "विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (मंत्रालय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के प्रभारी) ने मुझसे बात की थी। उन्होंने जो भी हुआ, उसके लिए माफी मांगी और मुझे इमरजेंसी ई-वीजा का आवेदन करने को कहा है। मैंने उनसे पूछा कि क्या आधिकारिक पासपोर्ट वैध नहीं है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मैंने उन्हें बताया कि मैंने 19 अगस्त को अपनी बेटी के लिए ई-वीजा अप्लाई किया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।"
जानकारी
16 घंटे के इंतजार के बाद कारगर को लौटाया गया
कारगर दक्षिण दिल्ली के एक डॉक्टर से इलाज के लिए 20 अगस्त को अकेली भारत पहुंची थीं और 22 अगस्त को उनकी वापसी की टिकट बुक थी।
उन्होंने बताया कि वो सुबह करीब 6 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची थी और 16 घंटे के इंतजार के बाद रात 10 बजे उन्हें दुबई होते हुए वापस इस्तांबुल भेज दिया गया था।
कारगर का परिवार बीते महीने के अंत में अफगानिस्तान से इस्तांबुल चला गया था।