नक्सलियों के साथ मुठभेड़ वाली जगह पर जाएंगे अमित शाह, घायल जवानों से भी मिलेंगे
क्या है खबर?
गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को छत्तीसगढ़ में उस जगह का दौरा करेंगे, जहां शनिवार को नक्सलियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी।
बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा के पास जंगलों में हुई इस मुठभेड़ में कुल 22 जवान शहीद और कई अन्य घायल हए हैं।
गृह मंत्री के कार्यक्रम के अनुसार, घायल जवानों से मुलाकात करने के बाद शाह एक समीक्षा बैठक में हिस्सा लेंगे।
इससे पहले शाह ने कहा था कि नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
पृष्ठभूमि
नक्सलियों ने घात लगाकर किया था हमला
शनिवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की कोबरा कमांडो टीम, जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीमें नक्सलरोधी अभियान के तहत बीजापुर जिले के तारेम इलाके में नक्सलियों की तलाश में जुटी थी।
टीम को नक्सली कमांडर हिडमा के इलाके में छिपे होने की जानकारी मिली थी।
इसी दौरान छिपे बैठे नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला कर दिया। इसके बाद जवानों ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी और लंबी मुठभेड़ चली।
यात्रा
जगदलपुर एयरपोर्ट पर उतरेंगे शाह
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, गृह मंत्री अमित बस्तर के जगदलपुर एयरपोर्ट पर उतरकर पुलिस लाइन में जाएंगे, जहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद वो मुठभेड़ स्थल का दौरा कर अस्पताल में भर्ती घायल जवानों से मुलाकात करेंगे।
इससे पहले रविवार को शाह ने गृह सचिव अजय भल्ला, IB निदेशक अरविंद कुमार और CRPF के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी। इसमें उन्होंने कहा कि उचित समय आने पर नक्सलियों को मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।
बयान
ऑपरेशनल और इंटेलीजेंस फेल्योर नहीं- CRPF प्रमुख
CRPF प्रमुख कुलदीप सिंह ने मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में इंटेलीजेंस या ऑपरेशन फेल्योर जैसी कोई बात नहीं थी।
मुठभेड़ के बाद स्थिति का जायजा लेने छत्तीसगढ़ पहुंचे सिंह ने कहा कि मुठभेड़ में 25-30 नक्सलियों की भी मौत हुई है। हालांकि, असल संख्या का पता नहीं चल पाया है।
उन्होंने कहा कि नक्सली तीन ट्रॉलियों में घायलों को और अपनेे मृत साथियों के शव लादकर लेकर गए थे।
बयान
सिंह बोले- ऑपरेशन फेल्योर होता तो इतने नक्सली नहीं मारे जाते
सिंह ने कहा कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि किसी तरह कि इंटेलीजेंस या ऑपरेशन फेल्योर थी। अगर इंटेलीजेंस फेल्योर होती तो सुरक्षाबल अभियान के लिए जाते ही नहीं और अगर ऑपरेशन फेल्योर होता तो इतने नक्सली नहीं मारे जाते।
मुठभेड़
दोनों तरफ से हुआ था ग्रेनेड लॉन्चर का इस्तेमाल
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने मुठभेड़ के दौरान ग्रेनेड लॉन्चर का इस्तेमाल किया था, जिस वजह से सुरक्षाबलों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। जवाब में सुरक्षाबलों ने भी ऑटोमैटिक हथियारों के साथ लगे ग्रेनेड लॉन्चर्स के साथ नक्सलियों के हमले का जवाब दिया।
वायरलेस इंटरसेप्ट्स से पता चला है कि नक्सली सुरक्षाबलों के रास्ते और उनकी हलचल को ट्रैक कर रहे थे। वहीं ड्रोन फुटेज से दिखा है कि नक्सलियों की कई टीमें उस वक्त इलाके में थी।
जानकारी
छत्तीसगढ़ में तीन सालों में हुई 970 नक्सली घटनाएं
2 फरवरी 2021 को लोकसभा में नक्सली घटनाओं को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया था कि छत्तीसगढ़ में साल 2018 से लेकर 2020 तक 970 नक्सली घटनाएं हुई थी। इनमें सुरक्षाबलों के 113 जवान शहीद हुए थे।
साल 2019 में छत्तीसगढ़ में 263 नक्सली घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो 2020 में करीब 20 प्रतिशत बढ़कर 315 पहुंच गई। 2019 में नक्सली हमलों में 22 और 2020 में 36 जवान शहीद हुए थे।