कोयला संकट: ऊर्जा मंत्री बोले- बेवजह दहशत पैदा की गई, नहीं होने देंगे बिजली की कमी
कोयला की कमी के कारण बिजली संकट की आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि कोयले की कमी को लेकर बेवजह दहशत पैदा की गई है और ये गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) के गलत संदेश के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं हुई है और न ही सरकार ऐसा होने देगी। उन्होंने कहा कि जिस भी राज्य को बिजली चाहिए, वह उन्हें पत्र लिखे।
देश के पास चार दिन का कोयले का भंडार- मंत्री
अपने आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक करने के बाद ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा, "बेवजह दहशत पैदा की गई है और देश के पास चार दिन का भंडार है। भंडार को धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि गेल ने बवाना गैस स्टेशन को 1-2 दिन में गैस देना बंद करने का मैसेज भेजा था और इसी कारण ये दहशत पैदा हुई है। मंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने पर भी आपूर्ति जारी रखने का निर्देश दिया है।
ऊर्जा मंत्री बोले- मानसून में कम हो जाता है कोयले का भंडार
मंत्री ने कहा कि मानसून में खदानों में पानी भरने के कारण अक्सर कोयले का भंडार कम हो जाता है, लेकिन बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण मांग अधिक ही रहती है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में मांग घटने के बाद भंडार भी बढ़ता जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश को कोयले का उत्पादन बढ़ाना होगा क्योंकि अर्थव्यवस्था में तेजी के कारण बिजली की मांग भी बढ़ रही है। सरकार इस संबंध में रोज समीक्षा कर रही है।
मंत्री ने दिया दिल्ली में बिजली की कमी नहीं होने देने का आश्वासन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मंत्री आरके सिंह ने कहा कि केजरीवाल को उनसे बात करनी चाहिए थी। उन्होंने भरोसा देते हुए कहा कि दिल्ली में बिजली का कोई संकट पैदा नहीं होगा और ऐसे ही आपूर्ति जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली को जितनी बिजली की जरूरत है, उतनी बिजली उसे दी जा रही है।
क्या है कोयला संकट?
बता दें कि मानसून और आयात में गिरावट जैसे कई कारणों की वजह से पॉवर प्लांट्स में कोयले की कमी होने लगी है और इसके कारण दिल्ली और पंजाब समेत राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु में बिजली संकट पैदा होने का खतरा बना हुआ है। इस बीच बिजली की मांग में भी इजाफा हो गया है और इसके कारण संकट और गहरा गया है। पिछले दो महीनों में ही देश की बिजली खपत में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।