
अपने दिल्ली दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगी ममता बनर्जी, बंगाल चुनाव के बाद पहली मुलाकात
क्या है खबर?
अगले हफ्ते दिल्ली के दौरे पर आ रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगी।
आज मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये जानकारी दी और कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें मिलने का समय दे लिया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद ममता पहली बार दिल्ली आ रही हैं और इस चुनाव में भाजपा को हराने के बाद ये प्रधानमंत्री के साथ उनकी पहली मुलाकात होगी।
बयान
समय दिया तो राष्ट्रपति से भी मिलूंगी- ममता
आज अपने दिल्ली दौरे के बारे में मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा, "मैं 2-3 दिन के लिए दिल्ली जाऊंगी। अगर समय दिया गया तो मैं राष्ट्रपति से मिलूंगी। प्रधानमंत्री ने मुझे समय दे दिया है मैं उनसे मिलूंगी।"
ममता ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दैनिक भास्कर मीडिया समूह और भारत समाचार न्यूज चैनल पर आयकर विभाग के छापे और पेगासस जासूसी कांड समेत कई मुद्दों पर सरकार पर निशाना भी साधा।
दौरा
विपक्ष के बड़े नेताओं से मिल सकती हैं ममता
बता दें कि ममता बनर्जी 25 जुलाई के आसपास दिल्ली आ सकती हैं। अपने इस दौरे पर वे विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मिल सकती हैं।
इनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।
माना जा रहा है कि इनका संबंध विपक्ष को एकजुट करने से हो सकता है।
अटकलें
प्रशांत किशोर की बैठकों के बाद गर्म हैं अटकलों का बाजार
ममता का ये दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब पिछले कुछ समय से विपक्ष की एकजुटता को लेकर अटकलें चल रही हैं।
ये अटकलें पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की शरद पवार के साथ दो हफ्तों में दो मुलाकातों के साथ शुरू हुईं।
इसके बाद उन्होंने बुधवार को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ बैठक भी की थी।
कहा जा रहा है कि इन सभी बैठकों का संबंध 2024 लोकसभा चुनाव से है।
रणनीति
ये बताई जा रही प्रशांत किशोर की रणनीति
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रशांत किशोर अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में शरद पवार के लिए लामबंदी कर रहे हैं और उनका मानना है कि अगर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक विपक्षी खेमे का साथ दे दें तो सरकार के प्रत्याशी को हराकर पवार को राष्ट्रपति बनाया जा सकता है।
इसके पीछे सोच है कि इस जीत से 2024 लोकसभा चुनाव में भी फायदा मिलेगा और ये एक तरह से विपक्षी एकजुटता का ट्रायल होगा।
अटकलें
क्या करने की कोशिश कर रहे हैं प्रशांत किशोर?
खबर ये भी है कि प्रशांत भाजपा को हराने के लिए विपक्ष का एक अनौपचारिक गठबंधन तैयार करना चाहते हैं और खुद इसमें सूत्रधार की भूमिका निभा रहे हैं।
तीसरे मोर्चे की संभावना से वे पहले ही इनकार कर चुके हैं और उन्हें कांग्रेस के बिना कोई भी मजबूत विपक्षी गठबंधन बनते हुए नहीं दिख रहा।
प्रशांत ममता के साथ काम कर चुके हैं, ऐसे में संभव है कि ममता के इस दिल्ली दौरा का संबंध उनकी रणनीति से हो।