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देश के पैसे लेकर भागा विजय माल्या अब पूछ रहा- कहां है न्याय?

देश के पैसे लेकर भागा विजय माल्या अब पूछ रहा- कहां है न्याय?

Feb 01, 2019
12:39 pm

क्या है खबर?

शुक्रवार की सुबह जब देश बजट का इंतजार कर रहा था, विजय माल्या ने ट्वीट करते हुए खुद की संपत्ति जब्त किए जाने पर सवाल खड़े किए। माल्या का कहना है कि उन पर बैंक के Rs. 9,000 करोड़ का कर्ज होने का आरोप है, लेकिन भारतीय अधिकारी उसकी Rs. 13,000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर चुके हैं। बता दें कि हाल ही में माल्या को मुंबई की एक कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है।

विजय माल्या

'9000 करोड़ का कर्ज तो 13,000 करोड़ की संपत्ति जब्त क्यों'

माल्या ने शुक्रवार सुबह अपने पहले ट्वीट में लिखा, 'DRT रिकवरी अधिकारियों ने हाल ही में बैंकों की ओर से भारत में मेरे समूह की Rs. 13,000 करोड़ से ऊपर की संपत्ति को जब्त किया है। लेकिन फिर भी यह कहा जाता है कि मैं Rs. 9000 करोड़ लेकर भाग गया। न्याय कहां है?' माल्या ने दूसरा ट्वीट में सवाल किया कि उस पर Rs. 9000 करोड़ का कर्ज है तो Rs. 13,000 करोड़ की संपत्ति क्यों जब्त की गई।

ट्विटर पोस्ट

माल्या ने शुक्रवार सुबह किया ट्वीट

ट्विटर पोस्ट

'हर सुबह संपत्ति जब्त की खबर के साथ उठता हूं'

ट्वीट

'वकीलों को झूठा केस करने की खुली छूट'

माल्या ने कहा कि भारत में संपत्ति जब्त किए जाने के बावजूद भी बैंकों ने अपने वकीलों को इंग्लैंड में उनके ऊपर झूठे केस करने की खुली छूट दे रखी है। अपने आखिरी ट्वीट में उसने कहा कि वकीलों ने लिखित में इंग्लैंड सरकार को टैक्स देने के उनके अनुरोध का विरोध किया है। उसने कहा, "भारतीय बैंक मेरी इंग्लैंड की संपत्ति से भारतीय कर्जा उतारना चाहते हैं और इंग्लैंड सरकार को टैक्स देने से मना करते हैं। शर्मनाक।"

ट्विटर पोस्ट

माल्या ने पूछा, जनता के पैसो को बहाने के लिए कौन जिम्मेदार

ट्विटर पोस्ट

'भारतीय बैंक नहीं चाहते इंग्लैंड में टैक्स दूं'

भगोड़ा आर्थिक अपराधी

जनवरी में घोषित किया गया था भगोड़ा आर्थिक अपराधी

माल्या ने अपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के लिए भारतीय बैंकों से Rs. 9,000 करोड़ का कर्ज लिया था। 2012 में कंपनी के बंद होने के बाद यह कर्ज उनके नाम आ गया। माल्या इसे चुकाए बिना मार्च 2016 में देश से इंग्लैंड भाग गया। 5 जनवरी को मुंबई की विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। यह टैग उन लोगों को दिया जाता है जो गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़ देते हैं।