खाड़ी देशों में रोज होती है 18 भारतीयों की मौत, सऊदी और UAE में सर्वाधिक मौतें
रोजाना लगभग 18 भारतीय नागरिक खाड़ी देशों में अपनी जान गंवा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि खाड़ी देशों में 2014 से अब तक 33,988 भारतीयों की मौत हो चुकी है। इस साल 4,823 भारतीय मौत का शिकार हुए हैं। खाड़ी देशों में कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन, कतर, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) शामिल हैं। एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि ज्यादातर मौते सऊदी अरब और (UAE) में हुई हैं।
2018 में हुई सबसे ज्यादा मौतें
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाड़ी देशों में 2014 में 5,388, 2015 में 5,786, 2016 में 6,013, 2017 में 5,604, 2018 में 6,014 और इस साल अब तक 4,823 लोगों की मौत हुई है। तेलंगाना गल्फ वेलफेयर एसोसिएशन के प्रमुख पी बसंत रेड्डी ने कहा कि खाड़ी में काम करने वाले अधिकतर लोग तनाव और कर्ज के दबाव में आकर अपना जीवन समाप्त कर लेते हैं। उन्होंने काम करने की खराब स्थितियों को भी एक कारण बताया।
तेलंगाना के 1,200 लोगों की गई जान
खाड़ी देशों में जान गंवाने वाले भारतीय नागरिकों में सबसे ज्यादा तेलंगाना के रहने वाले हैं। तेलंगाना के अप्रवासी भारतीय विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले पांच सालों में राज्य के लगभग 1,200 लोग खाड़ी देशों में जान गंवा चुके हैं। खास बात यह है कि यह विभाग केवल उन्हीं मौतों का रिकॉर्ड रखता है, जिसमें मृतक के परिवार को हवाई अड्डे से घर तक शव ले जाने के लिए फ्री एंबुलेंस मुहैया करवाई गई है।
इन बातों की शिकायत करते हैं भारतीय वर्कर्स
इस साल अक्टूबर तक विदेश मंत्रालय को खाड़ी देशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों को 15,051 शिकायतें मिली हैं। इनमें से अधिकतर शिकायतें एजेंट द्वार धोखाधड़ी की हैं। मुरलीधरन ने बताया कि अधिकतर भारतीय वर्कर सैलरी न मिलने और वर्कर के तौर पर उनको मिलने वाले हक जैसे साप्ताहिक छुट्टियां और ओवरटाइम के पैसे न मिलना, काम के ज्यादा घंटे, भारत आने के लिए अनुमति न मिलने और मौत पर मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत करते हैं।
खाड़ी देशों से आती है इतनी कमाई
दुनियाभर में काम कर रहे भारतीयों ने 2012-2017 के बीच जितनी रकम भारत भेजी, उनमें आधे से ज्यादा का योगदान खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीयों का था। इन पांच सालों में खाड़ी देशों से भारत को 209.7 अरब डॉलर की रकम मिली। इनमें से UAE से 72.30 अरब डॉलर, सऊदी अरब से 62.60 अरब डॉलर और कुवैत से 25.77 अरब डॉलर रकम मिली। इसके बाद ओमान (22.57 अरब डॉलर) और बहरीन (7.19 अरब डॉलर) का नंबर है।