पहले सात महीनों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का मात्र 37 प्रतिशत पैसा हुआ खर्च
क्या है खबर?
मौजूदा वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का मात्र 37 प्रतिशत पैसा बांटा जा सका है।
मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में ये जानकारी दी।
मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 के पूरा होने में मात्र पांच महीने का समय रहने के कारण आशंका जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री किसान योजना को मिलने वाले फंड का एक बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं हो पाएगा।
लिखित जवाब
75,000 करोड़ रुपये में से मात्र 27,937 करोड़ रुपये हुए खर्च
एक लिखित जवाब में लोकसभा को जानकारी देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रधानमंत्री किसान योजना को आवंटित 75,000 करोड़ रुपये में से अक्टूबर के अंत तक 27,937.26 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
इसमें राज्यों को दिए जाने वाला प्रशासनिक खर्च भी शामिल है।
योजना को पैसा इतना धीमा खर्च क्यों हो रहा है, इसका तोमर की तरफ से कोई विशेष कारण नहीं बताया गया।
जवाब
तोमर ने कहा, लाभार्थियों की संख्या पर निर्भर करता है फंड का उपयोग
तोमर ने लोकसभा में दाखिल अपने लिखित जवाब में कहा है, "प्रधानमंत्री किसान योजना एक निरंतर चलने वाली योजना है जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधानमंत्री किसान योजना के वेब पॉर्टल पर लाभार्थियों का सही और प्रमाणित डाटा डा़लने के बाद उनके बैंक अकाउंट में आर्थिक मदद भेजी जाती है।
इसलिए फंड का वास्तविक उपयोग बहुत हद तक लाभार्थियों की संख्या में परिवर्तन पर निर्भर करता है। असली स्थिति वित्त वर्ष के अंत पर ही साफ होगी।"
बयान
"हो सकती है लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि और कमी"
तोमर ने कहा, "राज्यों से लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि या कमी हो सकती है क्योंकि लाभार्थियों की पहचान करने और उनके जानकारी प्रधानमंत्री किसान के वेब पोर्टल पर डालने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों पर है।"
प्रधानमंत्री किसान योजना
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में केंद्र सरकार दो हेक्टेयर (पांच एकड़) से कम जमीन वाले किसानों को सालाना 6,000 रुपये की मदद देती है।
ये पैसे 2000-2000 रुपये की तीन किश्तों में सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में डाले जाते हैं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अंत में इस साल फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी और इसे पुरानी तिथि 1 दिसंबर 2018 से लागू किया गया था।
आंकड़े
अभी तक केवल आधे किसानों को मिला योजना का लाभ
जब प्रधानमंत्री किसान योजना शुरू हुई थी तब इससे 14.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलने का अनुमान लगाया गया था।
लेकिन तोमर के हालिया जवाब में सामने आया है कि अभी तक इसके आधे यानि करीब 7.26 करोड़ किसानों को ही इसका लाभ मिला है।
2018-19 वित्त वर्ष के लिए योजना को 20,000 रुपये का बजट आवंटित हुआ था, लेकिन इसमें से केवल 6662 करोड़ रुपये लाभार्थियों को दिए जा सके।