भारत को अब तक मिले तीन राफेल लड़ाकू विमान, ट्रेनिंग के लिए किया जा रहा इस्तेमाल
क्या है खबर?
फ्रांस की एविएशन कंपनी दसॉ ने अब तक तीन राफेल विमान भारत को सौंप दिए हैं। सरकार ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
यहां यह बता देना जरूरी है कि इन तीनों में से एक भी विमान अभी तक भारत नहीं पहुंचा है।
इन्हें फिलहाल फ्रांस में रखा गया है, जहां इनका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना (IAF) के पायलटों और तकनीशियनों को ट्रेनिंग देने के लिए किया जा रहा है।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
राफेल डील
सितंबर 2022 तक भारत को मिलेंगे 36 राफेल विमान
रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि अभी तक तीन राफेल विमान भारत को सौंपे जा चुके हैं, जिनका इस्तेमाल IAF के पायलटों और तकनीशियनों को ट्रेनिंग देने के लिए किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 58,000 करोड़ की राफेल विमान डील में भारत को 36 राफेल विमान मिलने हैं।
इनका पहला बेड़ा अगले साल मई तक भारत पहुंचेगा और बाकी बचे विमान सितंबर 2022 तक भारत को मिलेंगे।
राफेल डील
पिछले महीने भारत को मिला था पहला राफेल विमान
फ्रांस ने इस डील के तहत पहला राफेल लड़ाकू विमान RB-001 पिछले महीने भारत को सौंपा था।
उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय दौरे पर फ्रांस गए थे। इस विमान की पूजा करने के बाद राजनाथ सिंह ने 20 मिनट तक इस विमान में उड़ान भी भरी थी।
इस विमान का नाम RB-001 भारतीय वायुसेना के प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया के नाम पर रखा गया है। भदौरिया ने इस डील में अहम भूमिका निभाई थी।
जानकारी
ये हैं राफेल की खास बातें
राफेल में लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डेटा रिकॉर्डिंग और इजरायली हेलमेट वाली डिस्प्ले की सुविधा भी है। राफेल कई खूबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है।
राफेल लड़ाकू विमान
गेम चेंजर साबित होगा राफेल लड़ाकू विमान
भारतीय वायुसेना लंबे समय से नए लड़ाकू विमान की जरूरत महसूस कर रही है। ऐसे समय में राफेल का उसके बेड़े में शामिल होना उसे दुश्मनों से आगे खड़ा करता है।
राफेल का रडार पाकिस्तान के पास मौजूद अमेरिकी F-16 के मुकाबले बेहद मजबूत है और 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट सेट कर सकता है।
इसके साथ ही खतरनाक और आधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल 300 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को निशाना बना सकता है।
राफेल डील
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील को दी क्लीन चिट
राफेल डील को लेकर भारत में खूब राजनीतिक विवाद हुआ था। विपक्षी पार्टियों ने इस डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष इसी मुद्दे को भुनाने की कोशिश में था।
यह डील सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची, जहां से सरकार के पक्ष में फैसला आया।
इसके खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उसे नहीं लगता कि इस मामले में जांच होनी चाहिए।