प्रधानमंत्री मोदी ने की यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। हालांकि, इस दौरान कई मौकों पर दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की है। बता दें कि दोनों नेता इस G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान में मौजूद हैं। इस सम्मेलन का आयोजन हिरोशिमा शहर में हो रहा है और यहीं दोनों नेताओं ने मुलाकात की है।
युद्ध के समाधान के लिए हरसंभव मदद करेंगे- मोदी
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से तस्वीरें ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ वार्ता की है। तस्वीरों में मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अन्य अधिकारी नजर आ रहे हैं। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध मानवता का मुद्दा है और भारत इस युद्ध का समाधान निकालने के लिए हरसंभव मदद करने को तैयार है।
इन नेताओं से मिले मोदी
जापान की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो, जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक यिओल, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन और सुनक का गले लगाकर अभिवादन किया। वहीं मैक्रों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय बैठक की।
जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था पत्र
बीते महीने युद्धग्रस्त यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अतिरिक्त मानवीय सहायता का अनुरोध किया था। भारत दौरे पर आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिने जापारोवा के हाथों भेजे इस पत्र में जेलेंस्की ने भारत से यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित अन्य आपूर्ति की अपील की थी। इससे पहले भी वह भारत से सहयोग मांग चुके हैं। इसके बाद भारत ने यूक्रेन को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या रहा है भारत का रूख?
भारत ने कई मौकों पर यूक्रेन और रूस से युद्ध छोड़कर बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह किया है। मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कहा था कि यह युग युद्ध का युग नहीं है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में आए रूस की आलोचना वाले प्रस्तावों से भारत ने हमेशा दूरी बनाए रखी है। इसे लेकर उसे पश्चिमी देशों की आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है। दूसरी तरफ भारत ने यूक्रेन को भी मानवीय सहायता उपलब्ध कराई है।
15 महीने से जारी है युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल 24 फरवरी से युद्ध जारी है और इसे 15 महीने से अधिक का समय हो गया है। इस दौरान वैश्विक समुदाय ने कई मौकों पर पुतिन से युद्ध रोकने का आग्रह किया है, लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण अभी भी जारी है। इस युद्ध में दोनों तरफ हजारों सैनिकों की मौत हुई है और लाखों यूक्रेनी नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन में रूसी हमले बढ़े हैं।