अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य जोरों पर, अगले साल गर्भगृह में विराजमान होंगे रामलला
क्या है खबर?
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है और मंदिर निर्माण का कार्य 50 प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो चुका है।
उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव ने मंदिर निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में लोगों को एक नई अयोध्या देखने को मिलेगी।
राम मंदिर ट्रस्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि अगले साल मकर संक्रांति तक मंदिर के प्रथम तल और गर्भगृह का निर्माण पूरा हो जाएगा।
बयान
2024 में मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे भगवान राम
समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा, "आज पूरा देश लोहड़ी का त्योहार मना रहा है, आज सूर्य 'मकर राशि' में प्रवेश कर रहा है। हमने राम मंदिर निर्माण के अपने लक्ष्य का आधे से ज्यादा हासिल कर लिया है। 2024 में मकर संक्रांति के मौके पर अयोध्या में भगवान राम अपने मूल गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे और मंदिर अपनी तय समय सीमा से पहले ही बनकर तैयार हो जाएगा।"
राम मंदिर निर्माण
अगले साल मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य हो जाएगा पूरा- राम मंदिर ट्रस्ट
चंपत राय ने बताया कि मंदिर के भूतल का का आधा पूरा हो चुका है और इस साल अगस्त तक गर्भगृह का भूतल बनकर तैयार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंदिर में 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण पूरा हो चुका है और इसमें पत्थरों की कई परत बिछाई गई है।
इसके अलावा राम मंदिर की नींव को मजबूत करने के लिए चारों ओर पांच फीट के ग्रेनाइट पत्थर लगाए गए हैं और गर्भगृह के भूतल में 170 स्तंभ होंगे।
समीक्षा बैठक
आने वाले दिनों में आकार लेगी नई अयोध्या- मुख्य सचिव
मंदिर निर्माण की समीक्षा बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा, "आने वाले दिनों में एक नई अयोध्या आकार लेगी। अयोध्या को देखने के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आएंगे। हमें रामायण के भगवान राम के चरित्र और आदर्शों के आधार पर अयोध्या का विकास करना है और इसके लिए विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएं।"
उन्होंने मंदिर निर्माण कार्य से प्रभावित लोगों को समय से मुआवजे के भुगतान के आदेश भी दिये हैं।
कार्य
जन्मभूमि पथ का 51 फीसदी काम पूरा
मुख्य सचिव को अधिकारियों ने बताया कि जन्मभूमि पथ (सुग्रीव किला से श्री राम जन्मभूमि मंदिर मार्ग) का 51 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य प्रगति पर है और भक्ति पथ (श्रृंगार हाट से श्री राम जन्मभूमि मंदिर मार्ग) के लिए जमीन की खरीद और पुनर्वास का काम पूरा हो गया है।
इसके अलावा रामपथ के लिए अधिग्रहित भूमि पर स्थित भवनों को गिराने की प्रक्रिया जारी है और 2,130 प्रभावितों को मुआवजा दिया जा चुका है।
नींव
प्रधानमंत्री ने 2020 में रखी थी मंदिर की नींव
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर की नींव रख कर इसके निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था।
मंदिर निर्माण के लिए 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नामक ट्रस्ट बनाया है। इस ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश से चंदा इकट्ठा किया और उसे 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिल चुका है।
मंदिर निर्माण में 1,000 करोड़ से अधिक खर्च आने का अनुमान है।