अयोध्या: टेंट से अस्थाई मंदिर में विराजमान हुए रामलला, योगी आदित्यनाथ रहे मौजूद
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के दिन अयोध्या में रामलला आज तड़के तीन बजे नए अस्थाई मंदिर में विराजमान हो गए हैं। रामलला अपने तीनों भाईयों लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी के साथ अस्थायी मंदिर पहुंचे। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे। वो रामलला को गोद में उठाकर नए आसन तक लेकर गए। उन्होंने रामलला की पूजन और आरती में भाग लिया और 11 लाख रुपये का चेक दान किया।
अब इसी जगह होंगे रामलला के दर्शन
योगी आदित्यनाथ और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों की उपस्थिति में शंखनाद और घंटे-घड़ियाल के बीच रामलला समेत चारों भाइयों ने नए मंदिर के लिए हनुमानलला के साथ प्रस्थान किया। सन 1528 के बाद नए मंदिर में पहली बार रामलला चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए हैं। अब से इसी मंदिर में रामलला के दर्शन होंगे। हालांकि, देशभर में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण कुछ दिनों तक दर्शन पर रोक लगी हुई है।
9.5 किलोग्राम का है रामलला का आसन
भगवान श्री रामलला का चांदी का सिंहासन 9.5 किलोग्राम का है। जयपुर के कारीगरों द्वारा तैयार किए गए इस आसन पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर उत्कीर्ण किए गए हैं। राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र ने यह आसन ट्रस्ट को दिया है।
योगी बोले- नए मंदिर के निर्माण का पहला चरण पूरा
रामलला को नए मंदिर में विराजमान करना राम मंदिर के निर्माण का एक भाग है। रामलला को अब श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में शिफ्ट कर दिया गया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंदिर निर्माण के मद्देनजर पहला चरण पूरा हो गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम तिरपाल से नए आसन पर विराज गए हैं। बता दें कि अयोध्या की विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अब वहां मंदिर का निर्माण हो सकेगा।
यहां देखिये योगी आदित्यनाथ का ट्वीट
के पारासरण बनें ट्रस्ट के पहले सदस्य
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद सरकार ने 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नामक ट्रस्ट बनाया है। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में इसका ऐलान किया था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा। सुप्रीम कोर्ट में रामलला की पैरवी करने वाले के पारासरण को इस ट्रस्ट का पहला सदस्य बनाया गया था।
इन्हें भी मिली ट्रस्ट में जगह
पारासरण के अलावा जगतगुरू शंकराचार्य, ज्यातिपीठधीश्वर स्वामी वसुदेव, सरस्वती जी महाराज, जगतगुरू माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नातीर्थ जी महाराज, पेजावर मठ, युगपुरुष परमानंद जी महाराज, स्वामी गोविंददेव गिरी जी महाराज और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा को भी ट्रस्ट में जगह दी गई है। इसके अलावा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार अपना एक-एक सदस्य मनोनीत करेंगी। वहीं बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज बहुमत के जरिए दो प्रबुद्ध हिंदुओं का चयन करेगा जो ट्रस्ट का हिस्सा होंगे।