राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होने की संभावना, कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं मोदी
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अगले महीने शुरू हो सकता है। शनिवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक होगी, जिसमें मंदिर निर्माण शुरू करने की तारीख का ऐलान हो सकता है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से तारीख पर सहमति मिलने के बाद बैठक में चर्चा कर घोषणा की जा सकती है। ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण दिया गया है।
अगस्त की शुरुआत में शुरू हो सकता है निर्माण कार्य
सूत्रों ने बताया कि मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा बैठक में हिस्सा लेंगे। वो प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सुझाई गई तारीख सदस्यों के सामने रखेंगे, जिस पर चर्चा के बाद ऐलान किया जा सकता है। माना जा रहा है कि अगले महीने मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और इस मौके पर कई बड़ी हस्तियां शामिल हो सकती हैं। गौरतलब है कि बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण को हरी झंडी दे दी थी।
मोदी, योगी और भागवत हो सकते हैं समारोह में शामिल
पहले माना जा रहा था कि मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और दूसरे महत्वपूर्ण लोग शामिल होंगे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई स्थितियों को देखते हुए कम लोग इस समारोह में भाग लेंगे। अब केवल प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कुछ केंद्रीय मंत्री और सांसदों के ही इस समारोह का हिस्सा होने की संभावना है। इनके अलावा RSS प्रमुख मोहन भागवत भी यहां मौजूद होंगे।
गर्भ गृह में होगा भूमि पूजन
सूत्रों ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले गर्भ गृह में भूमि पूजन किया जाएगा। यह मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत होगी। इसके लिए निमंत्रण भेजे जा चुके हैं। गुरुवार को नृपेंद्र मिश्र ने अयोध्या पहुंचकर आला अधिकारियों और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संदेश यह है कि अयोध्या सर्वधर्म समभाव की विश्व की सबसे बड़ी और प्राचीन नगरी के रूप में दुनियाभर में मशहूर हो।
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में दिया था फैसला
अयोध्या भूमि विवाद में 9 नवंबर, 2019 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर राम मंदिर निर्माण का आदेश दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन देने का आदेश भी दिया था।
राम मंदिर निर्माण रहा है भाजपा का एक बड़ा मुद्दा
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का एक बड़ा और पुराना राजनीतिक मुद्दा रहा है। 1980 और 1990 के दशक में पार्टी ने इसे लेकर आंदोलन चलाया था और लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही उसके वैचारिक समर्थक उस पर मंदिर निर्माण पर फैसला करने का दबाव बना रहे थे, जो सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खत्म हुआ।