लक्षद्वीप के सांसद फैजल की लोकसभा सदस्यता रद्द, कोर्ट ने सुनाई थी 10 साल की सजा
लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल को एक अदालत ने हत्या के प्रयास मामले में दोषी ठहराया है। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने सांसद को अयोग्य घोषित करने वाली एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के अनुसार, फैजल 11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं, जिस दिन कवरत्ती की एक सत्र अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था। बुधवार को अदालत ने फैजल समेत चार लोगों को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।
क्या था मामला ?
रिपोर्ट के मुताबिक, दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद मोहम्मद सालिह ने 17 अप्रैल, 2009 को पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि फैजल और उनके साथी नूरुल अमीन, मोहम्मद हुसैन, बशीर थंगल और अन्य लोग दरवाजा तोड़कर उनके घर में घुसे और उनके ऊपर तलवार, छुरे और लोहे की रॉड जैसे खतरनाक हथियारों से जानलेवा हमला किया। साथ ही इन आरोपियों ने राजनीतिक रंजिश में उनके घर में तोड़फोड़ भी की।
सांसद फैजल पर लोकसभा सचिवालय ने की कार्रवाई
लोकसभा सचिवालय ने अपने बयान में कहा, "लक्षद्वीप की कवरत्ती की सत्र अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के परिणामस्वरूप मामला संख्या 01/2017 केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहम्मद फैजल को भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (E) के प्रावधानों तथा जनप्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा आठ के तहत दोषसिद्धि की तारीख यानी कि 11 जनवरी 2023 से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाता है।"
फैजल 2019 में लक्षद्वीप से चुने गए थे सांसद
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से फैजल लक्षद्वीप सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे। उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। कवरत्ती के जिला और सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद दोषी करार दिए गए फैजल और तीन अन्य की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और सभी दोषी आपस में रिश्तेदार हैं।
हमले में 32 आरोपियों में से चार को मिली सजा
फैजल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद कांग्रेस नेता मोहम्मद सालिया पर हमले का आरोप था। आरोप था कि मोहम्मद सालिया पर भीड़ ने हमला कर मारपीट की थी, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे और फैजल पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप था। घायल मोहम्मद सालिया का कई महीने उपचार चला था। इस मामले 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें से फैजल समेत चार को दोषी करार दिया गया है।