अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रखी राम मंदिर के मुख्य परिसर की नींव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के मुख्य परिसर की नींव रखी। वैदिक धार्मिक संस्कारों का पालन करते हुए ये नींव रखी गई। इस मौके पर योगी ने कहा कि राम मंदिर के लिए 500 साल का संघर्ष समाप्त हो गया है और ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में विश्व हिंदू परिषद (VHP) प्रमुख अशोक सिंघल के योगदान को भी याद किया।
11 पुजारियों ने किया पूजा कार्यक्रम, इंजीनियर्स को किया गया सम्मानित
राम मंदिर के मुख्य परिसर की नींव रखे जाने के इस कार्यक्रम में 11 पुजारियों ने पूजा कार्यक्रम किया। कार्यक्रम में योगी के अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यश्र नृपेंद्र मिश्रा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। योगी ने कार्यक्रम के दौरान मंदिर निर्माण से संबंधित एक किताब का विमोचन भी किया और इसके निर्माण में लगे इंजीनियर्स को सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री ने 2020 में रखी थी मंदिर की नींव
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर की नींव रख कर इसके निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था। मंदिर निर्माण के लिए 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नामक ट्रस्ट बनाई है। इस ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश से चंदा इकट्ठा किया है और उसे 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिल चुका है। मंदिर निर्माण में 1,000 करोड़ से अधिक खर्च आने का अनुमान है।
ऐसा होगा राम मंदिर का डिजाइन
राम मंदिर की डिजाइन बनाने वाले आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा के अनुसार, राम मंदिर को 135*240 फुट के उठे हुए मंच पर बनाया जाएगा। इसमें एक पारंपरिक हिंदू मंदिर की चारों विशेषताएं (चौकी, नृत्यमंडप, गूढ़ मंडप और गर्भ गृह) होंगी। पूर निर्माण में 2.5-3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगेगा। मूर्तियां संगमरमर से बनाई जाएंगी। मंदिर में दो मंजिल होंगी। नीचे रामलला का पवित्र स्थान होगा, वहीं ऊपर राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों के साथ राम दरबार होगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बनाया जा रहा है मंदिर
बता दें कि अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर बनाया जा रहा है। दशकों चले जमीन विवाद में 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के हक में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर मंदिर बनाने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन देने का आदेश भी दिया था। इस मस्जिद का निर्माण भी शुरू हो चुका है।