राम मंदिर मामलाः आज अयोध्या पहुंचेंगे उद्धव ठाकरे, कल से विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले राम मंदिर निर्माण का मुद्दा फिर गरमा रहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज अयोध्या पहुंच रहे हैं, वहीं रविवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अयोध्या में धर्म संसद बुलाई है। ठाकरे के आने से पहले हजारों की संख्या में शिवसैनिक अयोध्या पहुंच चुके हैं। VHP भी हजारों की संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के पहुंचने का दावा कर रही है। इसे देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
विजयदशमी रैली में ठाकरे ने किया था अयोध्या जाने का ऐलान
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में शिवसेना की विजयदशमी रैली के दौरान ऐलान किया था कि वह मिट्टी लेकर 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे और प्रधानमंत्री मोदी से राम मंदिर के निर्माण को लेकर सवाल करेंगे। दो दिन पहले नासिक और पुणे से चले शिवसैनिकों का पहला जत्था अयोध्या पहुंच चुका है। अब तक महाराष्ट्र से लगभग 15,000 लोग अयोध्या पहुंच चुके हैं। महाराष्ट्र से लोगों को अयोध्या लाने के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया गया है।
कल से शुरू होगी धर्म संसद
अयोध्या में रविवार से VHP द्वारा बुलाई गई धर्म संसद शुरू हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इस धर्म संसद में शिवसेना, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) और VHP के करीब 1 लाख कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं। इनके अलावा बड़ी संख्या में साधु-संत भी धर्म संसद में हिस्सा लेंगे। साथ ही इसमें करीब 3,000 मुस्लिम भी भाग लेंगे। मुस्लिमों को लाने का जिम्मा संघ ने 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' को सौंपा है। इनमें महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
अयोध्या में होने वाले दो बड़े कार्यक्रमों को देखते हुए राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है। अल्पसंख्यक परिवारों में असुरक्षा की खबरों के बीच पूरे अयोध्या में धारा 144 लगा दी गई है। राज्य का खुफिया विभाग और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शुक्रवार से ही शहर में मौजूद हैं। शहर में पीएसी की 20 कंपनियां, अर्द्धसैनिक बल की सात और रैपिड एक्शन फोर्स की दो कंपनियों को तैनात किया गया है।
अखिलेश ने की सेना की तैनाती की मांग
समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अयोध्या में जानमाल के भारी नुकसान होने की आशंका जताते हुए जिले में सेना की तैनाती की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या में सेना तैनात कर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश देने चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को संविधान और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है।
संक्षेप में समझिए क्या है राम मंदिर का विवाद
भारत में 6 दिसंबर 1992 का दिन बाबरी मस्जिद विध्वंस के रूप में जाना जाता है। इस दिन कार्यसेवकों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। हिंदुओं का आरोप है कि भगवान राम के मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ था और अब वो फिर से वहां राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। इस विवादित जमीन का मामला सालों से कोर्ट में चल रहा हैं जो अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है राम मंदिर मामला
राम मंदिर मामले की सुनवाई अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण मामले की सुनवाई को जनवरी, 2019 तक टाल दिया है। मामले की नियमित सुनवाई पर फैसला भी अब जनवरी में ही होगा। सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिए फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में दिए अपने फैसले में विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बांट दिया था।