गुजरात के नए मंत्रिमंडल ने ली शपथ, रुपाणी सरकार के सारे मंत्रियों की छुट्टी
गुजरात के नवगठित मंत्रिमंडल ने आज राजभवन में शपथ ले ली है और शाम चार बजे कैबिनेट की पहली बैठक होगी। पहले कहा जा रहा था कि बुधवार को नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह होगा, लेकिन कई मंत्री अपना पद छोड़ने को तैयार नहीं थे, जिसके चलते इसमें एक दिन की देरी हुई है। बता दें कि नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पुराने सारे मंत्रियों को बदलकर सभी नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है।
कुल 24 मंत्रियों ने ली शपथ
गुरुवार को गांधीनगर स्थित राजभवन में हुए शपथ समारोह में 10 कैबिनेट और 14 राज्यमंत्रियों समेत कुल 24 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सभी चेहरे नए हैं। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने पटेल समुदाय से आठ और OBC से छह मंत्री बनाए हैं। क्षेत्रों की बात करें तो सौराष्ट्र से आठ, दक्षिण गुजरात से सात, मध्य गुजरात से छह और उत्तरी गुजरात से तीन मंत्री बनाए गए हैं।
इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
कैबिनेट मंत्री- राजेंद्र तिवारी, जीतू वघनानी, ऋषिकेश पटेल, पूर्णेश मोदी, राघवजी पटेल, कनू देसाई, किरीट राणा, नरेश पटेल, प्रदीप परमार और अर्जुन सिंह चौहान। स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री- हर्ष सांघवी, जगदीश पंचाल, ब्रिजेश मेरजा, जीतू चौधरी और मनीषा वकील। राज्य मंत्री- मुकेश पटेल, निमीषा सुथार, अरविंद रैयानी, कुबेर दिंडोर, किर्ति सिंह वाघेला, गजेंद्र परमार और राघवजी मकवाना, विनोद मोराडिया और देवभाई मालम। राजेंद्र तिवारी की जगह निमा आचार्य विधान सभा की नई स्पीकर होंगीं।
पुराने मंत्रियों ने जताया विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब पुराने मंत्रियों को पदों से हटाने की बात आई तो कई इसके लिए राजी नहीं थे और पार्टी को उनका विरोध भी झेलना पड़ा है। बताया जा रहा है कि नए नामों और पुराने मंत्रियों के बीच बनती टकराव की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नए मंत्रिमंडल के गठन का फैसला किया था। मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे नितिन पटेल की भी मंत्री परिषद से छुट्टी कर दी गई है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री पटेल ने ली थी शपथ
गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद की शपल ली थी। उनके शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित प्रदेशों के कुछ मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। विजय रुपाणी के अचानक इस्तीफे के बाद रविवार को हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें मुख्यमंत्री चुना गया और उसी शाम उन्होंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
क्यों हुआ था रुपाणी का इस्तीफा?
सूत्रों की माने तो विजय रुपाणी के इस्तीफे के पीछे सबसे बड़ा कारण राज्य में कम होता प्रभाव माना जा रहा है। इसके अलावा उनके मुख्यमंत्री रहते हुए कोरोना महामारी से लड़ाई में गुजरात सरकार की रणनीति पर बड़े सवाल उठे थे। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार को जमकर घेरा था। ऐसे में भाजपा नेतृत्व को यह अहसास हो गया था कि उनके नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ना बड़ा खतरा हो सकता है।