
गुजरात: 200 करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ छह पाकिस्तानी गिरफ्तार, पंजाब पहुंचनी थी ड्रग्स
क्या है खबर?
गुजरात में समुद्र के जरिए ड्रग्स की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है और अब 200 करोड़ रुपये की ड्रग्स के साथ छह पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।
वे मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाली एक नाव के जरिए ड्रग्स को गुजरात ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही वो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आ गए और गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने विशेष अभियान चला कर उन्हें दबोच लिया।
मामला
कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास पकड़ी गई पाकिस्तानी नाव
ATS के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, तटरक्षक बल और ATS की संयुक्त टीम ने बुधवार को कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास अरब सागर में पाकिस्तानी नाव को रोका।
उन्होंने कहा, "एक विशिष्ट सूचना के आधार पर हमने पाकिस्तान से आ रही नाव को रोका और छह पाकिस्तानी नागरिकों को 40 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया।"
इस हेरोइन की कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
कार्रवाई
शाम तक जखाऊ पहुंच जाएगी जब्त नाव, आरोपियों से होगी पूछताछ
अल तैय्यास नाम की इस पाकिस्तानी नाव को भारतीय तटरक्षक बल की दो तेज नावों ने जखाऊ तट से 33 नॉटिकल मील (लगभग 61 किलोमीटर) दूर पकड़ा। ATS और तटरक्षक बल के अधिकारी पाकिस्तानी नागरिकों और जब्त नाव के साथ शाम तक जखाऊ पहुंच जाएंगे। यहां आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
ATS के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गुजरात के तट पर उतरने के बाद इस हेरोइन को सड़क के जरिए पंजाब पहुंचाया जाना था।
ड्रग्स तस्करी
गुजरात में पिछले कुछ महीनों में पकड़ी जा चुकी है हजारों करोड़ रुपये की हेरोइन
बता दें कि गुजरात ATS और तटरक्षक बल पहले भी मिलकर ड्रग्स तस्करी के प्रयासों को नाकाम कर चुके हैं।
इस साल अप्रैल में ही तीन अलग-अलग अभियानों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की हेरोइन जब्त की गई थी। इसमें से 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की हेरोइन अकेले कच्छ के कांडला बंदरगाह से जब्त की गई थी।
इससे पहले सितंबर, 2021 में कच्छ के ही मुंद्रा बंदरगाह से लगभग 21,000 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई थी।
ड्रग्स तस्करी
देश में हेरोइन की तस्करी में हुआ है इजाफा
बीते तीन-चार सालों में देश में ड्रग्स की तस्करी में इजाफा हुआ है और जब्त की गई हेरोइन की मात्रा में तेज उछाल देखा गया है।
जहां 2018 में आठ किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी, वहीं 2021 में यह मात्रा बढ़कर 3,000 किलोग्राम हो गई। इस साल ये आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि नशे की तस्करी के लिए भारत एक ट्रांजिट प्वाइंट के तौर पर उभर रहा है।
कारण
क्या है तस्करी बढ़ने की वजह?
ड्रग्स तस्करी बढ़ने के कारण बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि इसकी एक वजह अफगानिस्तान में अफीम की फसल की खेती में वृद्धि हो सकती है।
ड्रग्स और अपराध के खिलाफ काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने बताया कि अफगानिस्तान में अफीम की अवैध खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले इलाके में 37 प्रतिशत इजाफा हुआ है, जिसका नियंत्रण अब तालिबान के पास है।
इसके अलावा तस्करी के लिए भारत के रास्ते का इस्तेमाल भी बढ़ा है।