गुजरात: कौन हैं भूपेंद्र पटेल और उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे क्या मुख्य वजह रही?
विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद भाजपा ने अपने पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया है और उसके इस फैसले ने सबको चौंका दिया है। मुख्यमंत्री की रेस में कई बड़े नाम आगे चल रहे थे, लेकिन पटेल ने इन सभी को पछाड़ते हुए बाजी मार ली। चलिए भूपेंद्र पटेल के राजनीतिक सफर के जरिए जानने की कोशिश करते हैं कि उनके मुख्यमंत्री बनने के पीछे क्या अहम वजह रहीं।
राजनीति में आने से पहले रियल एस्टेट का कारोबार करते थे भूपेंद्र पटेल
सिविल इंजीनियर और गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट्स (GICEA) के सदस्य रहे भूपेंद्र पटेल राजनीति में आने से पहले 25 साल रियल एस्टेट का कारोबार कर चुके हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरूआत 1990 के दशक में अहमदाबाद की मेमनगर नगरपालिका से की और 1999-2000 और 2004-06 में दो बार इसके अध्यक्ष रहे। इसके बाद 2008 से 2010 के बीच वो दो साल के लिए अहमदाबाद नगर निगम (AMC) स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे।
पहली बार में ही पार्षद से AMC के प्रमुख बने पटेल
पटेल ने अपना पहला बड़ा चुनाव 2010 में AMC के थलतेज वार्ड से लड़ा और चुनाव में जीत दर्ज करके पार्षद बने। उन्होंने यहां भी बेहद तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं और 2010 से 2015 तक AMC की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे। 2015 में उन्होंने अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA) के चेयरमैन का पद भी संभाला और उनके नेतृत्व में अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र में आने वाले बोपाल-घूमा इलाके में कई विकास कार्य हुए।
इन बड़े विकास कार्यों में भी रही पटेल की अहम भूमिका
पटेल के नेतृत्व में AMC में भी कई बड़े विकास कार्य हुए। साबरमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट और बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) का ज्यादातर हिस्सा उनके कार्यकाल में ही पूरा हुआ था। उन्होंने SVP अस्पताल भी बनवाया जो महामारी में दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनकर उभरा।
2017 विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड वोटों से जीते पटेल
भूपेंद्र पटेल 2017 में पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे और घाटलोडिया सीट से कांग्रेस के शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से मात दी। ये इस चुनाव में किसी भी सीट पर जीत का सबसे बड़ा अंतर रहा। पटेल से पहले गुजरात की मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल घाटलोडिया सीट से चुनाव लड़ती थीं। पटेल को आनंदीबेन का करीबी भी माना जाता है और उन्होंने उन्हीं के मार्गदर्शन में राजनीति सीखी है।
पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे ये रही एक अहम वजह
अब आनंदीबेन की तरह भूपेंद्र पटेल खुद भी गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभालने जा रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे एक मुख्य वजह उनका पाटीदार समुदाय से होना माना जा रहा है। यह समुदाय बेहद शक्तिशाली है और गुजरात की राजनीति पर इसका बड़ा असर है। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल इसी समुदाय से आते हैं और ये समुदाय पिछले कुछ समय से भाजपा से नाराज चल रहा है। अब भाजपा उन्हें साधने की कोशिश कर रही है।
भूपेंद्र पटेल की पाटीदार समुदाय पर अच्छी-खासी पकड़
भूपेंद्र पटेल की पाटीदार समुदाय पर अच्छी-खासी पकड़ है और वह सरदारधाम नामक पाटीदार संगठन के ट्रस्टी हैं। इस संगठन ने रुपाणी के इस्तीफे से पहले एक कार्यक्रम का आयोजन किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके मुख्य अतिथि थे। इसी तरह उन्हें मुख्यमंत्री बनने की बधाई देने वाले सबसे पहले नामों में विश्व उमिया फाउंडेशन शामिल रहा जो कड़वा पाटीदारों का एक बड़ा संगठन है। भाजपा को उम्मीद है कि वे पाटीदारों को उसके पक्ष में गोलबंद कर सकेंगे।