महाराष्ट्र: शिवाजी प्रतिमा गिरने पर MVA का प्रदर्शन, उद्धव-पवार समेत कई नेताओं ने निकाला मार्च
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में सियासी घमासान मचा हुआ है। आज विपक्षी महाविकास अघाणी (MVA) ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। MVA ने इस आंदोलन को 'जोड़े मारो' (हिंदी में 'जूते मारो') नाम दिया है। विपक्षी नेता दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकाला, जिसमें MVA के वरिष्ठ नेता शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नाना पाटोले समेत कई बड़े सांसद-विधायक शामिल हुए।
उद्धव ने शिंदे-फडणवीस के पोस्टर पर चप्पल मारी
प्रदर्शन के दौरान उद्धव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के पोस्टर पर चप्पल मारी। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र जो कुछ भी चल रहा है कि इसे मैं राजनीति नही मानता हूं। इस गलती को माफी नही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी क्यों मांगी ? पुतला गिरे इसके लिए या प्रतिमा में भ्रष्टाचार हुआ इसके लिए माफी मांगी है। मोदी किस-किस के लिए माफी मांगेंगे। उनकी माफी अहंकार से भरी थी।"
क्या बोले कांग्रेस नेता?
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, "प्रधानमंत्री के माफी मांगने से बहुत पहले ही विपक्ष ने ऐसी 'शिवाजी द्रोही' सरकार को सत्ता में आने देने के लिए मराठा योद्धा से माफी मांगी थी। हमने संकल्प लिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने राज्य में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए माफी मांगी है।" कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज की की मूर्ति गिर गई और उन्हें इस पर कोई शर्म नहीं है।"
सुरक्षा सख्त, गेटवे ऑफ इंडिया बंद
पुलिस ने विपक्ष को मार्च की इजाजत नहीं दी थी, इसके बावजूद नेता जुटे थे। शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद अरविंद सावंत ने मुंबई के अपर पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर प्रदर्शन और मार्च की इजाजत मांगी थी, लेकिन उन्हें केवल प्रदर्शन की अनुमति मिली, मार्च की नहीं। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए थे। सुबह 10 बजे से गेटवे ऑफ इंडिया पर अगले आदेश तक पर्यटकों के आने पर पाबंदी लगा दी गई है।
भाजपा ने भी किया प्रदर्शन
विपक्ष के मार्च के खिलाफ भाजपा ने भी प्रदर्शन किया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "ये जो आज आंदोलन हो रहा है, पूरे तरीके से राजनीतिक आंदोलन है। इन्होंने कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नहीं किया। आप मुझे पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी का लाल किले से एक भी भाषण दिखाइए, जिसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उल्लेख किया हो। नेहरू जी ने तो अपने 'भारत की खोज' में छत्रपति महाराज का अपमान किया।"
प्रधानमंत्री मोदी मांग चुके हैं माफी
इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त को महाराष्ट्र के पालघर में लोगों से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था, "मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ नाम नहीं है, हमारे लिए शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। मैं आज सिर झुकाकर आराध्य देव के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।" मोदी से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री फडणवीस और अजित पवार भी माफी मांग चुके हैं।"
क्या है मूर्ति गिरने को लेकर विवाद?
26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई थी। इस प्रतिमा का उद्घाटन 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था। प्रतिमा को डिजाइन और स्थापित करने का काम नौसेना ने किया था। स्थापना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नौसेना को 2.36 करोड़ रुपये दिए थे। मामले में एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है।