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पूजा खेडकर ने बचाव में सरकार को लिखा था पत्र, पुणे कलक्टर पर लगाए थे आरोप
पूजा खेडकर ने अपने बचाव में सरकार को लिखा पत्र

पूजा खेडकर ने बचाव में सरकार को लिखा था पत्र, पुणे कलक्टर पर लगाए थे आरोप

Aug 11, 2024
10:46 am

क्या है खबर?

महाराष्ट्र के पुणे में पद के दुरुपयोग और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की ओर से बचाव में सरकार को लिखा गया पत्र सामने आया है। 11 जुलाई को महाराष्ट्र के अतिरिक्त सचिव नितिन गद्रे को लिए गए पत्र में उन्होंने पुणे कलक्टर सुहास दिवासे पर प्रशिक्षण शुरू होने के पहले दिन से ही अपमानित करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा मीडिया कवरेज से पीड़ा पहुंचने की भी बात कही है।

पीड़ा

मीडिया कवरेज और कलक्टर के पत्र से खराब हुई छवि

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर ने मराठी में लिखे 3 पन्नों के पत्र में लिखा था, 'पुणे कल्क्टर के मेरे खिलाफ लिखे गए पत्र और उसके बाद हुई मीडिया कवरेज से मेरी छवि घमंडी अधिकारी की बन गई। इससे मुझे मानसिक आघात पहुंच रहा है और मैं बेहद परेशान हूं। मुझे कारण नहीं पता, लेकिन ट्रेनी अधिकारी के तौर पर ज्वाइन करने के पहले दिन से ही पुणे कलेक्टर मुझे अपमानित कर रहे हैं।'

सफाई

खेडकर ने मामले में यह दी सफाई

खेडकर ने पत्र में आगे लिखा, 'कर्मचारियों ने मेरी जरूरतों के बारे में पूछा और स्टेशनरी आदि का इंतजाम किया। एक दिन बाद जब जिला कलेक्टर दिवसे कार्यालय, तो किसी ने उन्हें अतिरिक्त कलेक्टर के एंटे-चैम्बर में मेरे बैठने की व्यवस्था के बारे में बताया। शायद वह इस बात से नाराज़ थे, इसलिए उन्होंने संबंधित तहसीलदार को बुलाया और एंटे-चैम्बर से मेरा सामान हटाने का आदेश दे दिया।' उन्होंने लिखा, 'इसके बाद कलक्टर ने मेरे खिलाफ पत्र भी लिख दिया।'

जानकारी

कलक्टर दिवसे ने किया आरोपों का खंडन

खेडकर ने पत्र में बताया कि उन्होंने पूरे मामले को लेकर कलक्टर दिवसे से बातचीत कर माफी भी मांगी थी, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। इधर, कलक्टर दिवसे ने खेडकर के आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें पूरी तरह से निरर्थक करार दिया है।

पृष्ठभूमि

क्या है पूजा खेडकर विवाद?

पूजा सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिलते ही मांगों को लेकर विवादों में घिरी थीं। उन पर तैनाती लेने से पहले ही कार, आवास, कर्मचारी और अलग कमरे की मांग करने, विकलांगता और OBC का फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर नौकरी पाने में उसका दुरुपयोग करने के आरोप लगे थे। हालांकि, इस पूरे मामले के सामने आने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने उन्हें अयोग्य करार दे दिया और भविष्य में परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी है।