मुंबई की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो शुरू, क्या है खासियत और यात्रियों को क्या सुविधाएं मिलेंगी?
क्या है खबर?
मुंबईवासियों का सालों लंबा इंतजार आज खत्म हो गया है। मुंबई की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो सर्विस आज से शुरू हो चुकी है। इसका नाम एक्वा लाइन रखा गया है।
पहले चरण में इसे सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (SEEPZ) से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) तक चलाया जाएगा।
33.5 किलोमीटर लंबी इस लाइन को कोलाबा-बांद्रा-सिप्ज लाइन के नाम से भी जाना जाता है। इसका काम 2017 में शुरू हुआ था।
स्टेशन
27 स्टेशन होंगे
इस लाइन पर आरे कॉलोनी से कफ परेड तक 27 स्टेशनों के बीच मुंबई मेट्रो चलेगी।
ट्रेन कफ परेड, विधान भवन, चर्चगेट, हुतात्मा चौक, CST मेट्रो, कालबादेवी, गिरगांव, ग्रांट रोड, मुंबई सेंट्रल मेट्रो, महालक्ष्मी, विज्ञान संग्रहालय, आचार्य अत्रे चौक, वर्ली, सिद्धिविनायक, दादर, सीतालदेवी, धारावी, BKC, विद्यानगरी, सांताक्रूज, डोमेस्टिक एयरपोर्ट, सहार रोड, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मरोल नाका, MIDC, SEEPZ और आरे डिपो तक चलेगी।
मेट्रो सेवा का समय सुबह 6:30 बजे से रात 11:00 बजे तक रहेगा।
रफ्तार
90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी ट्रेन
मेट्रो मार्ग पर हर थोड़े मिनटों पर ट्रेनें चलती रहेंगी। ट्रेनें अधिकतम 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलेंगी, जिससे 35 किलोमीटर लंबा सफर करीब 50 मिनट में पूरा हो जाएगा। सड़क मार्ग से इस सफर को पूरा करने में करीब 2 घंटे का समय लगता है।
सुरंग के दूसरे चरण सहित पूरी परियोजना का पूरा होने में कुछ और महीने लग सकते हैं। फिलहाल दिल्ली मेट्रो रेल कोरपोरेशन (DMRC) इसका प्रबंधन करेगा।
लागत
37,000 करोड़ रुपये आई है लागत
इस परियोजना का प्रबंधन मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) कर रही है, जो केंद्र और महाराष्ट्र सरकार का एक संयुक्त उद्यम है।
इसका वित्तपोषण मुख्य रूप से जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा किया गया है, जिसने 21,280 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है।
कुल 37,275 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का 98 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते काम पूरा होने में देरी हुई है।
सुविधाएं
यात्रियों को क्या सुविधाएं मिलेंगी?
प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुविधा के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट और CCTV कैमरे लगाए गए हैं। ट्रेन में उतरने-चढ़ने के दौरान दुर्घटनाओं से यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्क्रीन दरवाजे बनाए गए हैं।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ब्रेल लिपि में बटन, 3 तरफ हैंडरेल, ऑडियो-विजुएल अनाउंसमेंट सिस्टम, व्हीलचेयर और आपातकालीन बटन जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा समय की बचत के रूप में होगा। दक्षिण मुंबई से शहर के पश्चिमी उपनगरों में आने-जाने में बहुत कम समय लगेगा।