
चीन से अरुणाचल का बदला लेगा भारत, बदले जाएंगे तिब्बत की 30 जगहों के नाम
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नव निर्वाचित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने जैसे को तैसा वाली रणनीति के तहत चीन को जवाब देने की तैयारी कर ली है।
सरकार ने तिब्बत की 30 जगहों के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इस फैसले को अरुणाचल प्रदेश में चीन की नामकरण नीति के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि सीमावर्ती इलाकों में चीन अपनी अवैध गतिविधियों को नहीं रोक रहा है।
बदलाव
इन क्षेत्रों के बदले जाएंगे नाम
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने तिब्बत की जिन 30 जगहों के नाम बदलने की मंजूरी दी है, उनमें 11 आवासीय क्षेत्र, 12 पहाड़, 4 नदियां, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा और भूमि का एक टुकड़ा शामिल है।
इन जगहों के नाम तिब्बत क्षेत्र के आधार पर ही रखे जाएंगे।
भारतीय सेना ही इन नामों को जारी करेगी और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के नक्शे पर इन नामों को अपडेट कर दिया जाएगा।
पृष्ठभूमि
चीन ने अप्रैल में बदले थे अरुणाचल की 30 जगहों के नाम
बता दें कि चीन ने अप्रैल में अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के नाम बदल दिए थे। उसने अपने नक्शे में भी इन्हीं नामों को प्रदर्शित किया है।
चीन के रुख पर भारत ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी। हालांकि, चीन ने उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बता दें कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत का लक्ष्य तिब्बत में स्थित स्थानों को अपने नाम देकर अपने क्षेत्रीय दावों को पुख्ता करना है।
रुख
अरुणाचल प्रदेश पर सख्त रहा है भारत का रुख
चीन के बार-बार के दावों के बावजूद भारत ने लगातार अरुणाचल प्रदेश को देश का अभिन्न अंग और अविभाज्य हिस्सा बताया है।
इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 'मनगढ़ंत' नाम रखने से किसी क्षेत्र की वास्तविकता नहीं बदल सकती है।
भारत की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रों में चीन की विस्तारवादी नीतियों को वैश्विक अस्वीकृति मिली है।
हालात
मई 2020 के बाद से भारत और चीन के संबंधों में आई कड़वाहट
5 मई, 2020 को पैंगोंग इलाके में चीनी सेना से हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू होने के बाद से दोनों पड़ोसियों के संबंधों में कड़वाहट आ गई है।
वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को छोड़कर किसी तरह की बातचीत नहीं हो रही है।
इस गतिरोध को हल करने के लिए दोनों पक्षों के बीच अब तक 21 दौर की सैन्य वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई स्थायी हल नहीं निकला है।
बयान
चीन और पाकिस्तान से संबंध पर क्या बोले विदेश मंत्री?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को नई सरकार में फिर से विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है।
इसके बाद उन्होंने कहा, "जहां तक पाकिस्तान और चीन का सवाल है, उन देशों के साथ हमारे संबंध अलग हैं और वहां की समस्याएं भी अलग हैं। चीन के मामले में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान खोजना चाहेंगे।"