चीन पर नजर रखने के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की तैयारी कर रहा BRO
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद भारतीय सेना पूरी तरह से चौकस है और चीन की हर गतिविधि पर नजर रख रही है। इस बीच अब सीमा सड़क संगठन (BRO) ने उत्तरी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में चीनी सैनिकों की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए सड़कों, पुलों और सुरंगों सहित अपनी रणनीतिक संपत्तियों की समय पर निगरानी के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की तैयारी कर रही है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए किया iDEX से किया MOU
BRO के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने कहा कि उन्होंने जल्द से जल्द स्पेस टेक्नोलॉजी प्राप्त करने के लिए एयरो इंडिया में इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX) के साथ MOU भी साइन कर लिया है। उन्होंने आगे कहा, "हमने टेक्नोलॉजी के लिए आवश्यक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए एरियल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम का इस्तेमाल किया है। हम कई अन्य उद्देश्यों के लिए इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहते हैं।"
वर्तमान में क्या आ रही है समस्या?
महानिदेशक चौधरी ने आगे कहा, "चीन सीमा पर अपनी रणनीतिक संपत्तियों की समय पर निगरानी करने में थोड़ी परेशानी महसूस कर रहे हैं। 17 महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से 12 अकेले चीन सीमा पर हैं और सैनिकों की तैनाती कर उनकी सही तरह से निगरानी करना संभव नहीं है। ऐसे में हम अब स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हम जल्द से जल्द उपयुक्त समाधान खोजने के लिए iDEX को पूरा विवरण पेश करेंगे।"
"काम में तेजी लाने के लिए मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल जरूरी"
महानिदेशक चौधरी ने आगे कहा, "भारतीय सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों के लिए रणनीतिक स्थानों पर सुरंग और पुल निर्माण में तेजी लाने के लिए BRO के लिए मौजूदा तकनीक को अपनाना बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है।" उन्होंने कहा, "चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग का काम इस साल मई या जून में पूरा हो जाएगा। इस तरह के निर्माण को समय पर पूरा करने में तकनीक का बहुत बड़ा सहयोग मिला है।"
BRO ने सड़कों के निर्माण में अपनाई 14 तरह की तरनीक
महानिदेशक चौधरी ने दावा किया कि संगठन ने हाल के दिनों में सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए 14 प्रकार की तकनीक अपनाई है। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले अरुणाचल में एक सड़क के निर्माण के लिए स्टील स्लैग का इस्तेमाल किया और हाल ही में एक अलग साइट पर तैयार सभी पूर्वनिर्मित सुरक्षात्मक संरचनाओं, दीवारों, पुलिया, नालियों और फुटपाथों के लिए नई तकनीक अपनाई गई है। इससे भारी बारिश में भी सड़कें बनाई जा सकेंगी।
चीन सीमा पर बढ़ा रहा है अपनी मजबूती
तवांग में भारत और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के बाद चीन सीमा पर ड्रोन और जेट तैनात कर अपनी मजबूती बढ़ा रहा है। हाई रिज्योल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि बीजिंग ने पूर्वोत्तर भारत की तरफ बड़ी संख्या में ड्रोन और फाइटर जेट प्रमुख तिब्बती एयरबेस पर तैनात किये हैं। अरुणाचल की सीमा से 150 किलोमीटर उत्तर पूर्व में चीन के बांगडा एयरबेस की एक तस्वीर में अत्याधुनिक WZ-7 सोअरिंग ड्रैगन ड्रोन नजर आ रहा है।