भारत चीन सीमा विवाद हुआ हिंसक, भारतीय सेना का कर्नल और दो जवान शहीद
लद्दाख में भारत और चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहा विवाद कल रात हिंसक हो गया। इस बारे में भारतीय सेना ने बयान जारी जानकारी दी है कि चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में गलवान घाटी में तैनात एक कर्नल (इंफैंट्री बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर) और सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं। दोनों तरफ के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तनाव कम करने के लिए स्थिति पर बैठक कर रहे हैं।
2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी सेना
भारतीय सेना इस पूरी घटना पर दोपहर 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी देगी। बता दें कि सेना के साथ-साथ राजनयिक स्तर पर भी इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
चीन को भी नुकसान पहुंचा- भारतीय सेना
भारतीय सेना ने कहा है कि इस झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान हुआ है। हालांकि, अभी तक यह जानकारी नहीं मिली है कि चीन के कितने सैनिक मरे या घायल हुए हैं। माना जा रहा है कि सेना प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दे सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में प्रवेश करने की वजह से दोनों देशों की सेना आमने-सामने हो गई।
काफी समय से चल रहा है सीमा विवाद
गौरतलब है कि एक महीने से ज्यादा समय से लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। इस सुलझाने के लिए कई स्तर की बैठकें हो चुकी हैं। ऐसी ही गलवान वैली में 6 जून को हुई कोर कमांडरों की एक बैठक के बाद सैनिकों को पीछे हटने की प्रक्रिया चल रही थी। इस बैठक में तय हुआ था कि सैनिक पीछे हटेंगे। इसी बीच दोनों सेनाओं के बीच झड़प हो गई।
पिछली बार 1975 में चली थी गोली
भारत और चीन के सेना के बीच आखिरी बार गोलीबारी 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में हुई थी। उसके बाद से लेकर अब तक दोनों देशों की सेना के कभी गोलीबारी की नौबत नहीं आई।
लगातार बैठकों के बाद भी नहीं निकल रहा हल
भारत और चीन के बीच पिछले लगभग एक महीने से ज्यादा समय से सीमा विवाद चल रहा है। यह लद्दाख के पैंगॉन्ग झील और गलवान घाटी के इलाकों को लेकर है। दोनों देशों के बीच इससे पहले भी सीमा का लेकर विवाद हुआ है, लेकिन 70 के दशक के बाद कभी हिंसक झड़प नहीं हुई। दोनों तरफ के सैन्य अधिकारी लगातार मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दसियों बैठक के बाद भी इसका नतीजा नहीं निकला है।
क्या है विवाद की वजह?
भारत और चीन के बीच की सीमा को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) कहा जाता है। इस बार का विवाद पैंगोंग त्सो लेक के आसपास स्थित पहाड़ियों के इलाके को लेकर है। 14,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित यह झील लगभग 135 किलोमीटर लंबी है। इसमें से 45 किलोमीटर इलाका भारत में है। झील के आसपास स्थित पहाड़ियों को आठ फिंगर कहा जाता है। फिंगर चार तक का इलाका भारत के नियंत्रण में है।
भारत के आपत्ति के बावजूद चीन अड़ा
फिंगर चार से लेकर आठ के बीच भारत और चीन की सेनाएं गश्त करती हैं। भारतीय सेना यहां अधिकतर पैदल गश्त करती है। विवाद तब शुरू हुआ जब चीन की सेना फिंगर चार तक आ गई और अब वह भारतीय सेना को यहां से आगे नहीं जाने दे रही है। भारतीय सेना चाहती है कि वह फिंगर आठ तक गश्त करे और चीनी सेना वापस अपनी पूर्व स्थिति पर चली जाए, लेकिन चीन ऐसा नहीं कर रहा है।
सीमा पर चीन के अच्छे खासे लोग- राजनाथ सिंह
पिछले कुछ दिनों से लद्दाख में LAC पर चीनी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महीने की शुरुआत में इंटरव्यू में कहा था कि भारत चीन सीमा पर इस समय विवाद चल रहा है। उन्होंने कहा, "उनका (चीनी सैनिकों) का दावा है कि हमारी यहां तक है, भारत का दावा है कि हमारी यहां तक है। इसे लेकर मतभेद हुआ है और अच्छी खासी संख्या में चीन के लोग भी आ गए हैं।"