
चीन के साथ तनाव के बीच लद्दाख में तैनात किए गए भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो
क्या है खबर?
भारत सरकार ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके में भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो को तैनात किया है।
वायुसेना के गरुड़ कमांडो और सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेस पहले से ही इस इलाके में तैनात हैं।
मार्कोस कमांडो की यह तैनाती ऐसे समय में हुई है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच तनाव जारी है और विवाद सुलझा नहीं है।
इन कमांडो को झील में अपने अभियानों के लिए नई नौकाएं भी मिलेंगी।
बयान
तीनों सेनाओं के सामंजस्य को बढ़ाने के लिए की गई तैनाती- सूत्र
इंडिया टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मार्कोस कमांडो की तैनाती तीन सेवाओं (नौसेना, वायुसेना और थलसेना) के सामंजस्य को बढ़ाने के लिए की गई है। साथ ही इससे कमांडो को अत्यंत ठंडे मौसम में तैनाती का अनुभव होगा।
पूर्वी लद्दाख
तनाव के शुरुआती दिनों से तैनात हैं गरुड़ कमांडो
भारतीय सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेस और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स पिछले काफी समय से पूर्वी लद्दाख में अहम अभियान चलाने के लिए तैनात हैं।
इसके अलावा चीन के साथ तनाव के शुरुआती दिनों में वायुसेना के गरुड़ कमांडो को लद्दाख में तैनात किया गया था। ये कंधे से फायर की जाने वाले एयर डिफेंस सिस्टम के साथ लद्दाख में तैनात है।
इनका काम भारत के हवाई क्षेत्र में घुस आने वाले दुश्मन के जहाज के खिलाफ कार्रवाई करना है।
पूर्वी लद्दाख
स्पेशल फोर्सेस ने किया था अहम पहाड़ियों पर कब्जा
थलसेना और वायुसेना के कमांडो पिछले छह महीनों से ज्यादा समय से लद्दाख में तैनात है।
अगस्त में भारतीय कमांडो ने LAC के पास लगती अहम पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था। चीन ने भी स्पेशल फोर्स को तैनात किया हुआ है।
भारतीय नौसेना ने लद्दाख से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में वुलार झील पर मार्कोस कमांडो तैनात किेए थे।
वहीं वायुसेना ने पठानकोट हमले के बाद कश्मीर में गरुड़ कमांडो की तैनाती शुरू की थी।
सहमति
सैन्य ढांचे ध्वस्त करेंगे भारत और चीन
इसी महीने की शुरुआत में खबर आई थी कि सीमा पर तनाव कम करने के भारत और चीन पैंगोंग झील इलाकों में बने ढांचों को ध्वस्त करेंगे।
अप्रैल से चल रही टकराव की स्थिति के बीच दोनों देशों की सेनाओं ने इस इलाके में कई ढांचों का निर्माण कर लिया था।
बता दें कि दोनों पक्षों के बीच 6 नवंबर को चुशूल में हुई आठवें दौर की सैन्य बातचीत में सैनिकों को पीछे हटाने की सहमति बनी थी।
तनाव
चीन के जवाब में भारत ने भी खड़े किए थे ढांचे
सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी गई थी कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके में अपनी सैन्य मौजूदगी को मजबूत करने के लिए बनाए गए सभी ढांचों को ध्वस्त करेंगे।
गौरतलब है कि तनाव के दिनों के दौरान कई ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई थी, जिनमें चीन की तरफ किए जा रहे निर्माण कार्यों को साफ देखा जा सकता था।
भारत ने भी इसके जवाब में कई ढांचे खड़े किए थे।