भारत-चीन सीमा विवाद पर अमेरिका ने कहा- सत्तावादी देश की तरह व्यवहार कर रहा चीन
क्या है खबर?
सोमवार को अमेरिका ने भारत-चीन सीमा पर आक्रामक रुख अपनाने के लिए चीन पर निशाना साधा। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन सीमा पर एक सत्तावादी देश की तरह व्यवहार कर रहा है।
वहीं अमेरिकी संसद के निचले सदन की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने कहा कि वे लद्दाख में चीन के आक्रामक रुख को लेकर बेहद चिंतित हैं और चीन को नियमों का पालन करना चाहिए।
पृष्ठभूमि
चार जगह पर आमने-सामने हैं चीन और भारत की सेनाएं
भारत-चीन के बीच सीमा के तौर पर काम करने वाली 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गालवन घाटी समेत चार जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं।
विवाद का मुख्य कारण गालवन घाटी में भारत के सड़क निर्माण को लेकर है। भारत दौलत बेग ओल्डी स्थित भारत के एक महत्वपूर्ण सैन्य हवाई अड्डे तक सड़क बना रहा है और चीन इसमें व्यवधान पैदा कर रहा है। लद्दाख में LAC की स्थिति को लेकर भी तनाव है।
जानकारी
डोनाल्ड ट्रंप दे चुके हैं मध्यस्थता का प्रस्ताव
बढ़ते तनाव को देखते हुए हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था जिसे दोनों देशों ने ये कहते हुए ठुकरा दिया कि वे विवाद को आपस में सुलझाने में सक्षम हैं।
इंटरव्यू
पोम्पियो बोले- सैन्य विस्तार की कोशिश कर रहा चीन
ट्रंप के इस प्रस्ताव के बाद अब अमेरिकी विदेशी मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन पर कड़ा बयान देते हुए कहा कि चीन ने भारत के साथ LAC पर अपने सेना को तैनात किया है और कई जगहों पर सैन्य विस्तार की लगातार कोशिश कर रहा है।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हम आज भी देख रहे हैं कि LAC पर चीन ने अपने सैन्यबलों को बढ़ा दिया है। ये ऐसे कदम हैं जो सत्तावादी देश उठाते हैं।"
बयान
चीन कई साल से कर रहा है ऐसा- पोम्पियो
चीन भारत के साथ सीमा के साथ-साथ हांगकांग और दक्षिण चीन सागर में भी आक्रामक रुख अपना रहा है। इससे संबंधित सवाल के जबाव में पोम्पियो ने कहा, "ये केवल पिछले छह महीने से नहीं हो रहा है। हम पिछले कुछ सालों से देख रहे हैं कि चीन पहले सैन्य क्षमता बढ़ाता है और फिर आक्रामक रुख अपनाता है।"
उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों में अमेरिका ने इन चीजों का ठीक से जबाव नहीं दिया है।
बयान
एंगेल बोले- चीन पड़ोसियों को धौंस दिखाने को तैयार
वहीं निचले सदन की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने बयान जारी करते हुए कहा, "भारत-चीन सीमा पर LAC के पास चीन की आक्रामकता से मैं चिंतित हूं। चीन फिर से दिखा रहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक विवादों को सुलझाने की बजाय अपने पड़ोसियों को धौंस दिखाने के लिए तैयार है।"
उन्होंने चीन से नियमों का पालन करने और कूटनीति और मौजूदा तंत्र का उपयोग कर भारत से सीमा विवाद सुलझाने की अपील की।
तनाव
5 मई को हुई थी सीमा पर तनाव की शुरूआत
बता दें कि भारत-चीन के मौजूदा तनाव की शुरूआत 5 मई को लद्दाख की पेंगोग झील के पास हुई थी। चीनी सैनिकों के भारतीय सैनिकों को गश्त करने से रोका था। दोनों तरफ के सैनिकों के बीच हुई झड़प में लगभग 100 सैनिक घायल हुए थे।
इसके बाद 9 मई को उत्तर सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। इसमें दोनों तरफ के लगभग एक दर्जन सैनिक घायल हुए थे।
वीडियो
सामने आ चुके हैं संघर्ष के दो अपुष्ट वीडियो
दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस टकराव के दो अपुष्ट वीडियो भी आए हैं।
एक वीडियो में घायल भारतीय सैनिक जमीन पर पड़े हुए हैं, जिनमें से कुछ के पैर बंधे हुए हैं। कुछ चीनी सैनिक उनकी जांच कर रहे हैं। पास में ही कुछ चीनी सैनिक लोहे की रॉड आदि लेकर खड़े हैं।
दूसरे वीडियो में भारतीय सैनिकों ने एक घायल चीनी सैनिक को पकड़ा हुआ है और अन्य जवान चीनी जीप को वापस खदेड़ रहे हैं।