भारत-चीन तनाव: सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री समेत बड़े नेताओं ने कही ये बातें
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेना के बीच सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प के बाद बने तनावपूर्ण हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पांच से अधिक सांसदों वाली पार्टियों को आमंत्रित किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया है और न ही किसी ने कोई कब्जा किया है।
बैठक की शुरुआत में सभी दलों के नेताओं ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
बैठक के शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी सहित सभी पार्टियों के नेताओं ने गलवान घाटी में शहीद हुए सभी 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभी दुश्मन का मुकाबला देने के लिए एकजुट होकर सरकार के साथ खड़े होने की बात कही।
मातृभूमि की ओर आंख उठाने वालों को सिखाया सबक- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा किसी भी भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया है और न ही किसी ने कोई कब्जा किया है। LAC पर चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए हैं, लेकिन भारतीय जवानों ने भी मातृभूमि की ओर आंख उठाने वालों को पर्याप्त सबक सिखाया है। उन्होंने कहा कि भारत के सशस्त्र बलों में एक बार में कई क्षेत्रों में जाने की क्षमता है और वह किसी के आगे नहीं झुकते हैं।
भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने को तैयार- राजनाथ सिंह
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सभी विपक्षी नेताओं को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद के मौजूदा हालात की जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने विपक्षी नेताओं को यह भी बताया कि भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्दर्शिता की मांग की। उन्होंने कहा कि सीमा के हालात के बारे में सरकार विपक्ष को समय-समय पर जानकारी देनी चाहिए। सभी दल सरकार के साथ हैं।
चीन हार जाएगा, भारत जीत जाएगा- बनर्जी
बनर्जी ने कहा, "चीन में लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही राज है। हमें साथ काम करना होगा। भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा। एकता के साथ बोलिए। एकता के साथ सोचें। एकता के साथ काम करें। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं।"
सभी विपक्षी दल और देश को विश्वास में लेगी सरकार- सोनिया गांधी
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस और पूरा विपक्ष एकजुट होकर अपने रक्षा बलों के साथ खड़ा है। वह यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि वे लड़ाई के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि संपूर्ण राष्ट्र को उम्मीद है कि सरकार सभी विपक्षी दलों और देश को विश्वास में लेगी और उन्हें नियमित रूप से संक्षिप्त जानकारी देगी ताकि हम दुनिया को एकता और एकजुटता की तस्वीर पेश कर सकें।'
वार्ता के सभी रास्तों पर विफल हुए- कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव को कम करने के लिए वार्ता के सभी रास्ते का उपयोग करने में विफल रहे। हमने बहुमूल्य समय खो दिया और परिणामस्वरूप देश के 20 वीर जवान शहीद हो गए।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से किए सवाल
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सरकार से कई सवाल भी किए। उन्होंने पूछा, 'चीनी सेना ने कौन सी तारीख को घुसपैठ की? सरकार को कब चीन की इस हरकत के बारे में पता चला? क्या सरकार के पास सैटेलाइट इमेज नहीं उपलब्ध थी? क्या चीनी गतिविधियों को लेकर इंटेलीजेंस रिपोर्ट नहीं थी?' उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक काफी देरी से बुलाई गई है। इसे पहले ही बुलाया जाना चाहिए था। सभी दल अभी तक अंधेरे में हैं।'
संवेदनशील मामलों का करना चाहिए सम्मान- शरद पवार
बैठक में NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है। हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है। बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि वह पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं। DMK के एमके स्टालिन ने कहा कि देशभक्ति की बात पर सब एकजुट हैं। उन्होंने चीन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयानों का भी स्वागत किया।
भारत मजबूत है, लेकिन मजबूर नहीं- उद्धव ठाकरे
बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, "भारत शांति चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का स्वभाव विश्वासघात है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार की क्षमता है आंखें निकालकर हाथ मैं दे देना।" YSR-कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी धन्यवाद। दुनिया में भारत की साख बढ़ रही है। भारत दुनियाभर में रणनीतिक साझेदारी बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री आप हमारी ताकत हैं। चीन भारत को अस्थिर करना चाहता है।"
एक होकर करना चाहिए सरकार का समर्थन- नीतीश कुमार
बैठक में JDU प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा, 'पार्टियों को किसी भी तरह की असमानता नहीं दिखानी चाहिए। भारत को लेकर चीन का रुख ज्ञात है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता था, लेकिन चीन ने 1962 में क्या किया।' उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों में चीन के सामान की भारी संख्या एक बड़ी समस्या है। इनसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता हैं और यह टिकाऊ नहीं होते हैं। सभी को एक होकर सरकार का समर्थन करना चाहिए।
बैठक में शामिल हुए ये नेता
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस अध्यख ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, DMK प्रमुख एमके स्टालिन, AIADMK से पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम, TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, YSR-कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी, NCP के शरद पवार, JDU के नीतीश कुमार, सपा के अखिलेश यादव, CPI के डी राजा, CPM के सीताराम येचुरी, TRS के चंद्रशेखर राव, अकाली दल के सुखबीर बादल, लोजपा के चिराग पासवान और झामुमों के हेमंत सोरेन शामिल हुए।