
LAC विवाद: जनरल रावत बोले- धरती, हवा और पानी, तीनों जगहों पर चल रही उच्चस्तरीय तैयारी
क्या है खबर?
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि धरती, हवा और पानी तीनों ही जगह पर उच्च स्तर की तैयारियां चल रही हैं और भारतीय सेना इन तीनों ही क्षेत्रों में देश की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
अपने बयान में उन्होंने तिब्बत में चीन की कुछ विकास गतिविधियां चलने की बात भी कही।
बयान
जनरल रावत बोले- चीन की कार्रवाई के बाद जरूरी हो गई थी तैयारी
कोलकाता में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल रावत ने कहा, " कोविड-19 महामारी के बीच उत्तरी सीमा पर यथास्थिति बदलने की चीन की कोशिश के कारण धरती, हवा और पानी में उच्च स्तरीय तैयारी जरूरी हो गई थी... हम लद्दाख में टकराव की स्थिति में हैं और चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में कुछ विकास गतिविधि चल रही हैं। हर देश अपने सामरिक हित के आधार पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारी करता है।"
तैयारी
हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार सैनिक- जनरल रावत
देश को भरोसा दिलाते हुए जनरल रावत ने कहा कि भारतीय सुरक्षा बल धरती, हवा और पानी में अपनी सीमा की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और वे किसी भी तरह की घटना का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
तकनीक पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अब जरूरी हो गया है कि भारत भविष्य के युद्धों को देखते हुए अपनी व्यवस्था में तकनीक पर जोर दे।
अनुमति
सेना को मिल चुकी है 15 दिन के भीषण युद्ध लायक हथियार जमा करने की मंजूरी
गौरतलब है कि जनरल रावत ने ये बयान ऐसे समय पर दिया है जब चीन के साथ तनाव के कारण हाल ही में सेना को अपने हथियारों का भंडार बढ़ाने की अनुमति मिली है।
सरकार ने सेना को 15 दिन के भीषण युद्ध लायक हथियार और गोला-बारूद का भंडार जमा करने की मंजूरी दे दी है। अब तक सेना केवल 10 दिन के भीषण युद्ध लायक हथियारों का भंडार रखती थी।
पृष्ठभूमि
LAC पर चार जगहों पर आमने-सामने हैं दोनों देशों के सैनिक
बता दें कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं। पहली तीन जगहों पर तो चीनी सैनिक भारत की जमीन पर बैठे हुए हैं।
फिंगर्स एरिया और चुशूल में स्थिति सबसे अधिक नाजुक है और यहां कहीं-कहीं दोनों देशों के सैनिकों के बीच मात्र 300-500 मीटर का फासला है।
नापाक मंसूबे
अक्साई चिन में भी चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की गई है।
बातचीत
जल्द तनाव कम होने की उम्मीद कम
दोनों पक्षों में तनाव कम करने के लिए बातचीत भी जारी है और 10 सितंबर को हुई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में तनाव कम करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति बनी थी।
इसके अलावा 21 सितंबर को हुई सैन्य बैठक में दोनों देश LAC पर और सैनिक भेजना बंद करने पर सहमत हुए।
हालांकि विवाद का निपटारा जल्द होने की उम्मीदें बेहद कम हैं और दोनों देश लंबे गतिरोध की तैयारी कर चुके हैं।