गुजरात हाई कोर्ट का आयकर विभाग से सवाल- क्या मौत के मुआवजे पर लगेगा टैक्स?
गुजरात हाई कोर्ट में मंगलवार को मौत पर मिली मुआवजा राशि पर टैक्स की मांग के नोटिस को लेकर अहम सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने आयकर विभाग से पूछा कि मौत पर मिलने वाली मुआवजा राशि टैक्स के दायरे में आती है या नही? हालांकि, विभाग ने इसका जवाब नहीं दिया और स्थिति स्पष्ट करने के लिए थोड़ा समय मांग लिया। इस पर कोर्ट ने आयकर विभाग को समय देते हुए सुनवाई 14 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
टैक्स के नोटिस को लेकर दायर की गई थी याचिका
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 5 सितंबर 1986 को मुंबई-न्यूयॉर्क उड़ान PAN-AM के अपहरण में गुजरात निवासी कल्पेश बाबूलाल दलाल की पत्नी की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर कोलंबिया कोर्ट ने दलाल को 18.60 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया था। इस राशि को मिलने के बाद आयकर विभाग ने दलाल को मुआवजा राशि पर टैक्स का नोटिस भेजा था। जिसे दलाल ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी।
दलाल ने याचिका में दी थी यह दलील
दलाल ने याचिका में बताया था कि उस उड़ान में उनकी पत्नी तृप्ति दलाल अपने 11 वर्षीय बेटे और 21 सदस्यीय डांस ग्रुप के साथ यात्रा कर रही थी। उसी दौरान फिलिस्तीनी उग्रवादियों ने विमान का अपहरण कर लिया। विमान में कुल 360 यात्री सवार थे। उस घटना में उग्रवादियों ने तृप्ति दलाल सहित 13 भारतीय और दो अमेरिकियों की हत्या कर दी थी। उसके बाद मुआवजे के संबंध में यह मामला कोलंबिया कोर्ट पहुंचा था।
कोलंबिया कोर्ट ने दिया था 18.60 करोड़ रुपये के मुआवजे का आदेश
दलाल ने बताया कि उस मामले में लंबी सुनवाई के बाद कोलंबिया कोर्ट ने उनकी पत्नी की मौत के एवज में 18.60 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए थे। इसके तहत वित्त वर्ष 2012-13 में उन्हें 8.11 करोड़, 2013-14 में 34.24 लाख रुपये और 2014-15 में 10.15 करोड़ रुपये मिले थे। हालांकि, उन्होंने इस राशि को आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया था। इसको लेकर आयकर विभाग ने उन्हें टैक्स का नोटिस भेजा था।
आयकर विभाग ने साल 2014 में जारी किए थे नोटिस
दलाल ने बताया कि मुआवजा राशि मिलने के बाद आयकर विभाग ने वर्ष 2013-14 और 2014-15 के लिए आकलन को फिर से खोलने की मांग की थी। विभाग ने दावा किया है कि उन्होंने ने अपनी आयकर रिटर्न में मुआवजा राशि नहीं दिखाई। ऐसे में उन्हें नोटिस भेजा गया था। इस पर उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली है। उन्होंने दावा किया कि मुआवजा राशि किसी प्रकार की आय नहीं है और इस पर टैक्स नहीं लगाया जा सकता है।
कोर्ट ने आयकर विभाग से पूछा अहम सवाल
इस मामले को लेकर जस्टिस जेबी पारदीवाला और निशा ठाकुर की खंड पीठ ने 24 जनवरी को आयकर विभाग को नोटिस जारी किया था और सोमवार को सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने सवाल किया है कि क्या विदेशी कोर्ट की तरफ से दी गई ऐसी मुआवजा राशि को आय माना जा सकता है। यदि ऐसा है तो इस पर किन प्रावधानों के तहत टैक्स लग सकता है? इस पर विभाग ने जवाब देने के लिए समय की मांग की।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
भले ही आयकर विभाग ने जवाब देने के लिए समय मांगा है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में कोरोना महामारी से हुई मौत पर मिलने वाले 10 लाख रुपये तक के मुआवजे को टैक्स फ्री करने की घोषणा की है।