जम्मू-कश्मीर के सभी सरकारी भवनों पर 15 दिन में लहराएगा तिरंगा, उपराज्यपाल ने दिए आदेश
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उसे अलग केंद्र शासित राज्य बनाए जाने के बाद भी वहां की सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं लहराए जाने को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों की इमारतों पर आगामी 15 दिनों में तिरंगा झंडा फहराने की व्यवस्था करने को कहा है। इसको लेकर संभागीय आयुक्त राघव लंगर ने सभी जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी कर दिए हैं।
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के तहत दिया आदेश
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 रहते हुए सचिवालयों समेत कुछ सरकारी इमारतों पर ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता था, लेकिन 370 के हटने के बाद राज्य का सविधान तथा प्रदेश का ध्वज भी खत्म हो गया है। जिसके बाद कई इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया। जिसमें कश्मीर यूनिवॢस्टी भी शामिल है। इसके अलावा सभी इमारतों से प्रदेश के पहले के ध्वज को भी हटा दिया गया। अब सभी कार्यालयों में तिरंगा फराने के आदेश दिए हैं।
उपराज्यपाल ने समीक्षा बैठक में लिया तिरंगा फहराने का निर्णय
बता दें कि इस मामले में उपराज्यपाल काफी सख्त है। प्रदेश में उनके सभी कार्यक्रमों की शुरुआत और समापन राष्ट्रीयगान के साथ होती है। शनिवार को उन्होंने देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में सभी सरकारी कार्यालयों की इमारतों पर 15 दिन में तिरंगा फहराने जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि संविधान के अनुसार यह जरूरी है।
संभागीय आयुक्त ने जारी किए आदेश
उपराज्यपाल के निर्णय को देखते हुए संभागीय आयुक्त ने शनिवार को राज्य के सभी जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों की इमारतों पर 15 दिन में तिरंगा फहराने की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने आदेशों में कहा हे उपराज्यपाल के निर्णय के अनुसार ऐसा किया जाना है। आदेशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाने वालों की होगी पहचान
समीक्षा बैठक में उपराज्यापाल ने सभी जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में उन लोगों की पहचान करने के आदेश दिए हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। इस सभी लोगों को देश में अलग पहचान दिलाई जाएगी।
अगस्त 2019 में हटाया गया था अनुच्छेद 370
बता दें कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इससे पहले वहां राज्य के संविधान के तहत अनुच्छेद 144 के तहत लाल रंग का अलग झंडा स्वीकार किया गया था। 7 जुलाई, 1952 को जम्मू-कश्मीर के संविधान निर्माताओं ने एक अध्यादेश पारित करते हुए 11 जुलाई, 1939 को जम्मू कश्मीर के अलग झंडे को मान्यता दी थी, लेकिन अनुच्छेद 370 के खत्म होने के साथ ही यह निष्प्रभावी हो गया।