चीन ने किया भूटान की जमीन पर कब्जा, सीमा के अंदर बसाए चार गांव- रिपोर्ट
चीन ने भूटान की जमीन पर कब्जा कर लिया है और पिछले एक साल के अंदर यहां चार गांव बसा लिए हैं। एक प्रतिष्ठित सैटेलाइट इमेजरी विशेषज्ञ ने तस्वीरें जारी करते हुए ये पुष्टि की है। भूटान की जमीन पर चीन का ये कब्जा भारत के लिए चिंताजनक है क्योंकि भूटान की क्षेत्रीय अखंड़ता की रक्षा करने की जिम्मेदारी भारत के ऊपर रहती है और उसकी सेना को ट्रेनिंग भी भारत देता है।
100 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं गांव
इंटेल लैब के विशेषज्ञ डी-एटिस (d-atis) द्वारा ट्वीट की गई तस्वीरों में भूटान की जमीन पर चीन के चार गांवों को देखा जा सकता है। ये गांव लगभग 100 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैले हुए हैं और डोकलाम पठार के पास हैं जहां 2017 में भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने आई थीं। रिपोर्ट के अनुसार, ये गांव मई, 2020 से नवंबर, 2021 के बीच बनाए गए हैं।
भूटान पर सीमा समझौते पर बातचीत करने का दबाव डालता रहा है चीन
बता दें कि चीन पिछले काफी समय से भूटान पर उनके सीमा समझौते पर बातचीत करने का दबाव डाल रहा है। अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि इन गांवों का निर्माण इस नए समझौते के मुताबिक है या चीन ने अतिक्रमण किया है।
पिछले साल भी आई थी चीन के गांव बसाने की खबर
गौरतलब है कि पिछले साल भी चीन के डोकलाम के पास एक गांव बसाने की खबर भी आई थी। NDTV ने अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया था। चीन की सरकारी मीडिया के एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में इस गांव को डोकलाम के बेहद पास भूटान की सीमा के दो किलोमीटर अंदर देखा गया था। इससे पहले भी चीन ने डोकलाम विवाद के बाद इलाके में सड़क बना ली थी।
अरुणाचल प्रदेश में भी गांव बसा चुका है चीन
बता दें कि चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश में भी अवैध तरीके से एक गांव बसा लिया है। अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा बसाए गए इस गांव में 100 घर हैं और ये उस जमीन पर है जिस पर भारत अपना दावा करता आया है। भारत का कहना है कि उसने इस तरह के अवैध कब्जे को न पहले कभी स्वीकार किया है और न आगे कभी स्वीकार करेगा।
क्यों हर जगह पंगे ले रहा है चीन?
मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के राज में चीन अपने आसपास की उन सारी जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है जिन्हें वह अपना मानता है। भारत के लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भी इसी कारण विवाद पैदा हुआ है क्योंकि चीन इन्हें अपने हिस्सा बताता आया है। ताईवान पर भी चीन का भारी दबाव है और वह आए दिन ताईवान की सीमा में लड़ाकू विमान भेजता रहता है। चीन ताईवान को अपना ही एक प्रांत मानता है।