चीन का अमेरिका को बड़ा झटका, हासिल किया सबसे अमीर देश होने का तमगा
विश्व शक्ति के रूप में पहचान रखने वाले अमेरिका को उसके धुर विरोधी चीन ने बड़ा झटका दिया है। चीन ने अमेरिका को पछाड़ते हुए दुनिया के सबसे अमीर देश का तमगा हासिल कर लिया है। पिछले 20 सालों में दुनिया की संपत्ति बढ़कर तीन गुना हो गई। इसमें चीन की हिस्सेदारी एक-तिहाई है। दुनियाभर के देशों की बैलेंसशीट पर नजर रखने वाली मैनेजमेंट कंसल्टेंट मैकिन्जी एंड कंपनी की शोध शाखा के अनुसार, चीन दुनिया का सबसे अमीर देश है।
514 खरब डॉलर पर पहुंची दुनिया की कुल संपत्ति
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2000 में दुनिया की कुल संपत्ति 156 खरब डॉलर थी जो साल 2020 में बढ़कर 514 खरब डॉलर पर पहुंच गई। कुल वैश्विक संपत्ति का 68 प्रतिशत हिस्सा अचल संपत्ति और शेष संपत्ति में बुनियादी ढांचा, मशीनरी और उपकरण जैसी चीजें शामिल हैं। मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट के एक सहयोगी जान मिशके ने कहा दुनिया के कई देश तेजी से अमीर हुए हैं।
चीन की संपत्ति में हुआ 113 खरब डॉलर का इजाफा
रिपोर्ट में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि साल 2000 में चीन की कुल संपत्ति महज सात खरब डॉलर थी, जो 20 सालों में 113 खरब डॉलर के इजाफे के साथ 120 खरब डॉलर पर पहुंच गई है। बता दें चीन को साल 2000 से पहले विश्व व्यापार संगठन में शामिल किया गया था। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन की अर्थव्यवस्था ने तब से अब तक कितनी तेजी से वृद्धि की है।
अमेरिका की कुल संपत्ति हुई 90 खरब डॉलर
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे नंबर पर काबिज दुनिया के सबसे अमीर देश अमेरिका की संपत्ति भी दोगुनी हो गई है। साल 2000 में अमेरिका की कुल संपत्ति 42 खरब डॉलर थी, जो 20 साल बाद यानी 2020 में 90 खबर डॉलर पर पहुंच गई है। इस हिसाब से चीन और अमेरिका इस समस दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन चीन हर क्षेत्र में लगातार अमेरिका को पछाड़ रहा है। इससे अमेरिका की बादशाहत खतरें में पड़ गई है।
चीन और अमेरिका के 10 प्रतिशत लोगों के पास है सबसे अधिक संपत्ति
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति वाले चीन और अमेरिका के धन का बहुत बड़ा हिस्सा कुछ अमीर लोगों तक सीमित है। इन दोनों अमीर देशों में 10 प्रतिशत आबादी के पास सबसे ज्यादा धन है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इन देशों में अमीरों की तादाद तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण अमीर और गरीब देशों के बीच तेजी से बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है।
कुल आय में वृद्धि ने वैश्विक GDP को पीछे छोड़ा- मिशके
जान मिशके ने कहा, "पिछले दो दशकों में कुल आय में तेज वृद्धि ने वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है और संपत्ति की कीमतों में गिरावट के कारण बढ़ी हुई संपत्ति की कीमतों में वृद्धि हुई है। शोध में सामने आया कि संपत्ति की कीमतें आय के दीर्घकालिक औसत से लगभग 50 प्रतिशत अधिक हैं।" उन्होंने कहा, "GDP की तुलना में कुल आय में अधिक बढ़ोत्तरी होने के कई दुष्प्रभाव सामने आएंगे।"