अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बोले- भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर अच्छे मूड में नहीं हैं प्रधानमंत्री मोदी
क्या है खबर?
गुरुवार को भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और वे इस पूरे विवाद को लेकर अच्छे मूड में नहीं हैं।
गुरूवार को व्हाट्स हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही।
इस दौरान उन्होंने मध्यस्थता करने की अपनी पुरानी पेशकश फिर से दोहराई और कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी को बहुत पसंद करते हैं।
बयान
ट्रंप बोले- भारत में मुझे बहुत पसंद किया जाता है
ट्रंप ने कहा, "भारत में मुझे पसंद करते हैं। मुझे लगता है कि इस देश में मीडिया मुझे जितना पसंद करती है, भारत में मुझे उससे ज्यादा पसंद किया जाता है। मैं आपके प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को बहुत पसंद करता हूं। वह एक महान सज्जन हैं। भारत-चीन में बड़ा विवाद है। दोनों देशों की लगभग 1.4 अरब आबादी है। दोनों देशों की सेनाएं बहुत ही ताकतवर हैं। भारत खुश नहीं है और मुमकिन है कि चीन भी खुश नहीं है।"
बयान
ट्रंप बोले- प्रधानमंत्री मोदी अच्छे मूड में नहीं
ट्रंप ने आगे कहा, "मैं आपको बता रहा हूं। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में बात की थी। चीन के साथ जो चल रहा है, उसको लेकर वह अच्छे मूड में नहीं हैं।"
ट्रंप से जब मध्यस्थता की उनकी पेशकश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं ये (मध्यस्थता) करने को तैयार हूं। अगर उन्हें लगता है कि मध्यस्थता से मदद होगी तो मैं ये करने के लिए तैयार हूं।"
मध्यस्थता
कल ट्वीट कर ट्रंप ने की थी मध्यस्थता की पेशकश
बता दें कि बुधवार को ट्वीट करते हुए ट्रंप ने भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की थी।
उन्होंने लिखा था, 'हमने भारत और चीन को बताया है कि अमेरिका दोनों के बीच उबलते सीमा विवाद में मध्यस्थता करने या फैसला करने के लिए तैयार है, इच्छुक है और योग्य भी है।'
ट्रंप इससे पहले कई बार कश्मीर विवाद में भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश भी कर चुके हैं।
प्रतिक्रिया
ट्रंप के प्रस्ताव पर ये रही भारत और चीन की प्रतिक्रिया
मध्यस्थता के ट्रंप के प्रस्ताव को भारत ने विनम्रता से ठुकरा दिया था। भारत का कहना है कि विवाद के शांतिपूर्वक समाधान के लिए वह चीन के संपर्क में है।
वहीं चीन की तरफ से ट्रंप के प्रस्ताव पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सरकार के अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा है कि दोनों देशों को अमेरिकी राष्ट्रपति से मदद की जरूरत नहीं है और आपस में इस विवाद को सुलझा सकते हैं।
विवाद
चार जगहों पर आमने-सामने हैं भारत और चीन के सैनिक
भारत और चीन के बीच मौजूदा विवाद का मुख्य कारण गालवन घाटी में भारत के एक सड़क निर्माण को लेकर है। भारत दौलत बेग ओल्डी स्थित भारत के एक महत्वपूर्ण सैन्य हवाई अड्डे तक सड़क बना रहा है और चीन इसमें व्यवधान पैदा कर रहा है।
दोनों देशों के बीच सीमा के तौर पर काम करने वाली 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गालवन घाटी समेत चार जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं।
तनाव
5 मई को हुई तनाव की शुरूआत
तनाव की शुरूआत 5 मई को पेंगोग झील के पास हुई। चीनी सैनिकों के भारतीय सैनिकों को गश्त करने से रोका था। इसके बाद दोनों तरफ के लगभग 250 सैनिकों में झड़प हुई जिसमें दोनों तरफ के लगभग 100 सैनिक घायल हुए थे।
इसके बाद 9 मई को उत्तर सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। इसमें लगभग 150 सैनिक शामिल थे और दोनों तरफ के लगभग एक दर्जन सैनिक घायल हुए।