चीन से तनाव के बीच कुछ टेलीकॉम उपकरण वेंडरों को ब्लैकलिस्ट कर सकती है भारत सरकार

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। सरकार ने पहले चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाने की कार्रवाई की थी और अब वह टेलीकॉम उपकरण उपलब्ध कराने वाले कुछ वेंडरों पर भी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर कंपनियों की एक सूची तैयार करनी शुरू कर दी है और उसके बाद संदिग्ध वेंडरों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
NDTV के अनुसार कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस संबंध में बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है, "सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने विश्वसनीय स्रोत द्वारा टेलीकॉम क्षेत्र की सुरक्षा सुदृढ़ करने का फैसला किया था। इसलिए यहां एक विश्वसनीय स्रोत है और एक विश्वसनीय स्रोत नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "टेलीकॉम उपकरण वाले कुछ वेंडरों को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है और कुछ कंपनियों को 'इंडिया ट्रस्टेड सोर्स' के रूप में नामित किया जा सकता है।"
कानून मंत्री प्रसाद ने सरकार के इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा, "आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा बनाए रखने के लिए सरकार टेलीकॉम उपकरण मुहैया कराने वाले विश्वसनीय वेंडरों की घोषणा करेगी। ऑपरेटरों के साथ मौजूदा टेलीकॉम उपकरण प्रभावित नहीं होंगे।" हालांकि, इस दौरान उन्होंने सरकार के इस कदम को चीनी वेंडरों को लक्षित किए जाने के उद्देश्य से उठाने से इनकार कर दिया।
भारत ने गत 24 नंवबर को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताकर कुल 43 चाइनीज ऐप्स बैन कर दिया था। सरकार ने इनके उपयोग से देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के बड़ा खतरा बताया था। इसी पर चीन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का विरोध किया था। चीन में भारत द्वारा उठाए गए कदम को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन करार दिया था और ऐप्स को फिर से बहाल करने की मांग की थी।
भारत ने इस साल गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाना शुरू किया था। अब तक चार चरणों में 250 से ज्यादा ऐप्स बैन की जा चुकी है। भारत ने एक जून 59 ऐप्स को बैन किया था। उसके बाद दूसरे चरण में 47 अन्य ऐप्स को बैन किया था। इसके बाद सरकार ने सितंबर में PUBG मोबाइल, PUBG मोबाइल लाइट, वीचैट वर्क और वीचैट समेत 118 चाइनीज ऐप्स पर पाबंदी लगाई थी।