खालिस्तान, निज्जर की हत्या और इंदिरा गांधी हत्याकांड की झांकी; कैसे बिगड़ते गए भारत-कनाडा के रिश्ते?
भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। आज (21 सितंबर) भारत ने कनाडा के नागरिकों को वीजा जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी है। इससे पहले दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निकाल दिया था। रिश्तों में ये तनाव अब खालिस्तान के मुद्दे पर हो रहा है। आइए उन बड़ी घटनाओं के बारे में जानते हैं, जिनसे दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ते चले गए।
यहां से शुरू हुआ मामला
कनाडा में सिख समुदाय के लगभग 7.7 लाख लोग रहते हैं। यह भारत के बाहर किसी भी देश में सिखों की सबसे ज्यादा आबादी है। 2015 में जब यहां जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अपनी कैबिनेट में 4 सिख मंत्रियों को शामिल किया। इन पर खालिस्तान को बढ़ावा देने के आरोप लगते आए हैं। 2017 में ट्रूडो खालिस्तान की मांग करने वालों द्वारा मनाए जाने वाले 'खालसा डे' में भी शामिल हुए, जिस पर भारत ने आपत्ति जताई थी।
खालिस्तान समर्थकों ने किए मंदिरों पर हमले
इसी साल कनाडा में भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। खालिस्तानियों ने भारतीय राजनयिकों के खिलाफ धमकी भरे पोस्टर भी जारी किए गए थे। खालिस्तानियों ने ये गतिविधियां अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के विरोध में की थी। भारत ने इन पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद कनाडा में लगातार हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। ओंटारियो में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी।
खालिस्तानियों ने निकाली थी इंदिरा गांधी हत्याकांड की झांकी
4 जून को कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानियों ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाते हुए झांकी निकाली थी। इसमें सिख अंगरक्षकों द्वारा इंदिरा की हत्या का दृश्य दिखाया गया था, जिसमें इंदिरा की साड़ी खून से सनी थी। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, "मुझे लगता है कि अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा की वकालत करने वाले लोगों को ज्यादा जगह दी जा रही है। यह कनाडा के लिए ठीक नहीं है।"
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या
19 जून को खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की वैंकूवर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित किया था। खालिस्तानी समर्थक लोग इस हत्या के पीछे भारत का हाथ मानते हैं। यही वजह है कि इस घटना के बाद कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ गईं। खालिस्तानियों ने एक पोस्टर में भारतीय राजनयिकों को निज्जर का 'हत्यारा' तक करार दिया था।
G-20 सम्मेलन में साफ दिखी दूरी
G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दूरी साफ नजर आई थी। इस दौरान द्विपक्षीय बैठक में भारत ने खालिस्तान का मुद्दा उठाया था, जिस पर ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा। सम्मेलन के बाद ट्रू़डो का विमान खराब हो गया था और भारत ने उन्हें एयर इंडिया विमान देने की पेशकश की थी, जिसे ट्रूडो ने ठुकरा दिया था।
कनाडा ने रद्द किया मुक्त व्यापार समझौता
G-20 सम्मेलन के बाद कनाडा ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) रद्द कर दिया था। कनाडा ने इस कदम के पीछे की वजह नहीं बताई थी, लेकिन माना गया कि G-20 सम्मेलन में खालिस्तान का मुद्दा उठाए जाने से ट्रूडो नाराज चल रहे थे। तब एक अधिकारी ने कहा था, "कनाडा में कुछ गतिविधियों पर भारत ने आपत्ति जताई थी। जब तक इनका हल नहीं निकलता, तब तक FTA पर बातचीत रोक दी गई है।"
निज्जर की हत्या पर ट्रूडो का बयान
कनाडाई संसद को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंट हो सकते हैं। उन्होंने कहा था, "कनाडाई एजेंसियां निज्जर की हत्या में भारत की साजिश की संभावनाओं की जांच कर रही हैं और भारतीय एजेंट्स और हत्या के बीच संभावित संबंधों के विश्वसनीय आरोप हैं। कनाडा की धरती पर कनाडाई नागरिक की हत्या हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है।" इसके बाद दोनों देशों के बीच लगातार कई घटनाक्रम हुए।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत और कनाडा एक-दूसरे के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार करते रहे हैं। वित्त वर्ष 2023 में भारत ने कनाडा के साथ 678 अरब रुपये का व्यापार किया था। तब कनाडा भारत का 35वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। इस दौरान भारत ने कनाडा को 341 अरब रुपये का निर्यात किया और 336 अरब रुपये का आयात किया। दोनों के बीच रसायन, कपड़ा, कीमती पत्थर, वाहन उपकरण, सब्जी, कागज, खनिज जैसी कई चीजों का आयात-निर्यात होता है।