#NewsBytesExplainer: गूगल और फेसबुक ने कनाडा में न्यूज दिखाने से मना करने की बात क्यों कही?
मेटा और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियां कनाडा के एक कानून का विरोध कर रही हैं। गूगल ने बीते दिन कहा कि वह स्थानीय समाचार प्रकाशकों को भुगतान करने से जुड़े नए कानून के खिलाफ है। गूगल ने यह भी कहा कि वह इसके विरोध में फेसबुक के साथ मिलकर अपने प्लेटफॉर्म पर कनाडा की खबरों को ब्लॉक करने की योजना बना रही है। इससे पहले फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी ऐसा ही बयान दिया था। जान लेते हैं पूरा मामला।
इस बात का है विरोध
दरअसल, कनाडा की सरकार ने अप्रैल, 2022 मेंऑनलाइन न्यूज एक्ट (बिल C-18) पेश किया था। बिल के लागू होने के बाद गूगल, मेटा जैसी टेक और सोशल मीडिया कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज पब्लिशर्स की खबरों को मुफ्त में नहीं दिखा पाएंगी। इसके बदले उन्हें उन मीडिया कंपनियों/संस्थानों को भुगतान करना होगा, जिनकी खबरों को वो अपने प्लेटफॉर्म पर दिखाएंगी। फेसबुक, इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा और गूगल इसी का विरोध कर रही हैं।
न्यूज के लिए करना होगा भुगतान
विधेयक पारित होने के बाद मेटा और गूगल जैसी कंपनियों को न्यूज पब्लिशर से बातचीत करने और उनके कंटेंट के लिए भुगतान करने की अनिवार्यता होगी। ऑनलाइन न्यूज एक्ट नामक कानून को सीनेट ने मंजूरी दे दी है और गवर्नर जनरल से मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। अगले 6 महीने में इसे लागू किया जा सकता है। यह कानून कनाडाई मीडिया उद्योग की शिकायतों के बाद प्रस्तावित किया गया था, जो तकनीकी कंपनियों का सख्त रेगुलेशन चाहता है।
कनाडा की मीडिया इंडस्ट्री की मांग
बिल C-18 के जरिए मीडिया इंडस्ट्री टेक्नोलॉजी कंपनियों पर इस तरह के कड़े रेगुलेशन चाहती हैं, जिससे कि न्यूज बिजनेस को ऑनलाइन एडवरटाइजिंग मार्केट से बाहर होने से रोका जा सके। कनाडा का मीडिया उद्योग चाहता है कि कड़े रेगुलेशन से समाचार व्यवसायों को उन वर्षों में हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई करने का मौका मिल सके, जब फेसबुक और गूगल ने ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल की थी।
घरेलू समाचार उद्योग की मदद करना चाहती है सरकार
कानून के जरिए सरकार संघर्ष कर रही घरेलू समाचार उद्योग की मदद करना चाहती है। एक रिपोर्ट में सरकार के हवाले से बताया गया कि 2008 के बाद से कनाडा में 470 से अधिक मीडिया आउटलेट बंद हो गए और पत्रकारिता की एक तिहाई नौकरियां खत्म हो गईं। कनाडा में स्वतंत्र बजटीय निगरानी संस्था ने पिछले साल अनुमान लगाया था कि समाचार व्यवसायों को कानून के तहत अनिवार्य सौदों से प्रति वर्ष लगभग 2,000 करोड़ रुपये मिल सकते थे।
ऑस्ट्रेलिया भी लाया था ऐसा ही कानून
कनाडा से पहले ऑस्ट्रेलिया ऐसा पहला देश था, जिसने डिजिटल कंपनियों को मीडिया कंपनियों का न्यूज कंटेंट प्रयोग करने के बदले उन्हें पेमेंट देने के लिए नियम बनाया था। इसके बाद गूगल और फेसबुक ने इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में भी अपनी न्यूज सर्विस को बंद करने की बात कही थी। हालांकि, वहां की सरकार ने बाद में कानून में बदलाव किए थे और इन कंपनियों ने विभिन्न मीडिया कंपनियों के साथ समझौता किया था।
गूगल ने दिया ये तर्क
गूगल ने तर्क दिया है कि कनाडा का कानून ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में की तुलना में अधिक व्यापक है। यह खोज परिणामों में प्रदर्शित समाचार लिंक के हिसाब से मूल्य तय करता है। गूगल ने कहा कि यह उन आउटलेट्स पर भी लागू हो सकता है, जो समाचार नहीं बनाते हैं। कंपनी ने इस बिल को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया था कि लिंक के बजाय समाचार कंटेंट के प्रदर्शन को भुगतान का आधार बनाना चाहिए।
बिल पेश करने वाले कनाडाई मंत्री ने कही ये बात
कनाडा के एक मंत्री पाब्लो रोड्रिग्ज, जिन्होंने पिछले साल बिल पेश किया था, ने कहा कि प्लेटफ़ॉर्म को तुरंत कोई दबाव नहीं है और सरकार उनके साथ परामर्श करने के लिए तैयार है। रोड्रिग्ज ने हाल ही में अपने बयान में यह भी कहा कि ये बड़ी कंपनियां मीडिया संस्थानों को उचित हिस्सा देने के बजाय कनाडाई लोगों को स्थानीय समाचारों तक पहुंचने से रोकने के लिए अपने प्लेटफॉर्मों को बदलने के लिए पैसा खर्च करने के लिए तैयार हैं।
कंपनियां अपना रही है "धमकाने वाली रणनीति" - जस्टिन ट्रूडो
कनाडा की संघीय सरकार ने कानून में बदलाव करने के इन टेक कंपनियों के सुझावों का विरोध किया है और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इन कंपनियों पर "धमकाने वाली रणनीति" का उपयोग करने का आरोप लगाया था।