खालिस्तान कमांडो फोर्स प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या
वांछित आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह की शनिवार सुबह पाकिस्तान के लाहौर में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। 59 वर्षीय परमजीत पर खालिस्तान उग्रवाद को बढ़ावा देने के साथ-साथ पंजाब में नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी करने समेत कई अन्य संगीन आरोप थे। गौरतलब है कि भारत सरकार ने पंजवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत एक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया है।
हत्या के समय अपने घर के पास टहल रहा था परमजीत
बतौर रिपोर्ट्स, परमजीत शनिवार सुबह करीब 6 बजे लाहौर के जौहर टाउन स्थित सनफ्लावर सोसायटी में अपने घर के पास टहल रहा था। तभी बाइक पर आए दो अज्ञात लोगों ने उस पर गोलियां चला दीं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस गोलीबारी में परमजीत के साथ मौजूद उसका एक गनमैन भी घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ड्रग्स को लेकर प्रतिद्वंदी गिरोह द्वारा की गई हत्या- खबर
इंडिया टुडे के मुताबिक, परमजीत पिछले एक दशक में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं की जगह नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल था। परमजीत पंजाब में ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स भेजने में सक्रिय रूप से शामिल था और संदेह है कि उसकी हत्या ड्रग्स को लेकर एक प्रतिद्वंदी गिरोह द्वारा की गई है। कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा के नेता कंवर पाल सिंह ने हमले में परमजीत की मौत की पुष्टि की है।
परमजीत ने 1990 के दशक में संभाली थी KCF की कमान
परमजीत का जन्म पंजाब के तरनतारन जिले के पंजवार गांव में हुआ था। शुरुआत में गुरदासपुर के सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में कार्यरत परमजीत 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी बनने के बाद खुद भी KCF में शामिल हो गया था। 1990 के दशक में भारतीय सुरक्षाबलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद परमजीत ने KCF की कमान संभाली थी, जिसके बाद वह पाकिस्तान चला गया।
पंजाब में हथियारों और हेरोइन की तस्करी करवाता था परमजीत
पाकिस्तान द्वारा शरण दिए जाने वाले वांछित आतंकवादियों में से एक परमजीत ने सीमापार से पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियारों और हेरोइन की तस्करी के जरिए धन जुटाकर KCF को जीवित रखा। पाकिस्तान सरकार द्वारा कई बार इनकार करने के बावजूद परमजीत की मौजूदगी लाहौर में थी, जबकि उसकी पत्नी और बच्चे जर्मनी चले गए थे। परमजीत लगातार पूर्व उग्रवादियों, स्लीपर सेल और जमानत पर छूटे लोगों को अपने संगठन में जोड़ने की कोशिश कर रहा था।
परमजीत पर और क्या आरोप थे?
भारत सरकार के मुताबिक, "परमजीत पाकिस्तान में युवाओं को हथियार प्रशिक्षण की व्यवस्था कर रहा था और VIP लोगों और आर्थिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए भारत में हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के साथ-साथ घुसपैठ करने की कोशिश में लगा हुआ था।" बता दें कि परमजीत भारत सरकार के खिलाफ अल्पसंख्यकों को भड़काने के उद्देश्य से रेडियो पाकिस्तान पर अत्यधिक देशद्रोही और अलगाववादी कार्यक्रम भी प्रसारित करता रहा था।
1986 में हुआ था KCF का गठन
KCF का गठन फरवरी, 1986 में हिंसक साधनों और संघर्ष के माध्यम से खालिस्तान की मांग करने के उद्देश्य से किया गया था। इस संगठन की कार्यप्रणाली आतंकवादी गतिविधियों के लिए अत्याधुनिक हथियार खरीदने के लिए फिरौती के लिए डकैती और अपहरण करना है।