
H-1B वीजा धारकों को देश में काम करने की अनुमति देगा कनाडा, परिजन भी रह सकेंगे
क्या है खबर?
अमेरिकी H-1B वीजा धारक भारतीयों के लिए खुशखबरी है। कनाडा के आप्रवासन मंत्री सीन फ्रेजर ने घोषणा की है कि सरकार 10,000 अमेरिकी H-1B वीजा धारकों को देश में आकर काम करने की अनुमति देने के लिए ओपन वर्क-परमिट स्ट्रीम बनाएगी।
मंगलवार को कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्रालय (IRCC) ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत कनाडा में H-1B वीजा धारकों के परिवार के सदस्यों को भी अध्ययन या वर्क परमिट उपलब्ध कराया जाएगा।
बयान
परिवार के सदस्यों को मिलेगा कनाडा आने का मौका
कनाडा सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि हाई-टेक क्षेत्रों में हजारों कर्मचारी उन कंपनियों में कार्यरत हैं, जिनका कनाडा और अमेरिका दोनों में बड़ा परिचालन है।
अमेरिका में काम करने वाले भारत और अन्य देशों के कामगारों के पास अक्सर H-1B विशेष व्यवसाय वीजा होता है।
नए आदेश के अनुसार, 16 जुलाई से अमेरिका के H-1B वीजा धारक और उनके परिवार के सदस्य तत्काल कनाडा आने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
परमिट
H-1B वीजा धारकों को मिलेगा 3 साल का परमिट
कनाडा सरकार ने कहा है कि इस कार्यक्रम के तहत स्वीकृत आवेदकों को 3 साल तक की अवधि का ओपन वर्क परमिट मिलेगा।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "अमेरिकी H-1B विशेष व्यवसाय वीजा धारक कनाडा में कहीं भी काम करने में सक्षम होंगे। उनके परिवार के सदस्य (पति-पत्नी और अन्य आश्रित) भी आवश्यकतानुसार कार्य या अध्ययन परमिट के साथ अस्थायी निवास वीजा के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।"
बयान
कनाडा के आप्रवासन मंत्री ने कहा?
कनाडा के स्थानीय CBC न्यूज के अनुसार, आप्रवासन मंत्री फ्रेजर ने कहा कि इस साल के अंत तक संघीय सरकार दुनिया के कुछ सबसे प्रतिभाशाली लोगों के लिए एक आव्रजन स्ट्रीम विकसित करेगी, जो तकनीकी कंपनियों के लिए काम करने के लिए कनाडा आ सकेंगे, चाहें उनके पास नौकरी का ऑफर हो या नहीं हो।
हालांकि, फ्रेजर ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इसके लिए कौन पात्र होगा या कितने लोगों को स्ट्रीम में प्रवेश दिया जाएगा।
H-1B वीजा
क्या होता है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा होता है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां दक्ष कर्मचारियों को अपने यहां नौकरियां देती हैं। हर साल अमेरिकी कंपनियां इसी वीजा के सहारे भारत और अन्य देशों से हजारों पेशेवरों को नौकरी पर रखती हैं।
महामारी के दौरान अमेरिकी टेक कंपनियों ने जमकर भर्तियां कीं, लेकिन उसके बाद से बड़ी संख्या में उन्होंने लोगों को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया। इससे बहुत से H-1B वीजा धारक नई नौकरियां ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।