दुनिया-जहां: कनाडा में इन दिनों ट्रक ड्राइवर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
क्या है खबर?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रक ड्राइवरों के प्रदर्शनों को 'अस्वीकार्य' करार दिया है।
बुधवार को संसद में बोलते हुए ट्रूडो ने सरकार की तरफ से लगाई गई पाबंदियों को उचित ठहराया और कहा कि अवैध प्रदर्शन अस्वीकार्य हैं।
गौरतलब है कि यहां पिछले महीने से प्रदर्शन चल रहे हैं और अब फ्रांस और न्यूजीलैंड आदि देशों में ऐसे प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
आइये जानते हैं कि इन प्रदर्शनों की शुरुआत कैसे हुई।
शुरुआत
कैसे हुई प्रदर्शनों की शुरुआत?
15 जनवरी को कनाडाई सरकार ने एक नियम लागू किया था। इसके तहत कनाडा में प्रवेश कर रहे ट्रक ड्राइवरों को वैक्सीनेशन का सबूत दिखाना अनिवार्य किया गया था। अगर कोई ड्राइवर सबूत नहीं दिखा पाता तो नियम के अनुसार उसे क्वारंटाइन में रहना होगा।
लगभग एक हफ्ते बाद अमेरिका ने भी ऐसा नियम लागू कर दिया।
इन दोनों देशों के बीच सड़क मार्ग से अच्छा-खासा आयात और निर्यात होता है और इसमें ट्रक ड्राइवरों की अहम भूमिका है।
अनिवार्य वैक्सीनेशन
ड्राइवरों को रास नहीं आया नियम
ट्रक ड्राइवरों को कनाडा का नियम पसंद नहीं आया और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
ड्राइवरों ने वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने का विरोध करते हुए कहा कि उनका अधिकतर समय ट्रकों में अकेले बीतता है और वो दूसरे लोगों के संपर्क में नहीं आते। ऐसे में सरकार को पहले की तरह ट्रक ड्राइवरों को वैक्सीनेशन से छूट देनी जारी रखनी चाहिए।
वहीं सरकार ने इस मांग के आगे झुकने से मना कर दिया।
प्रदर्शन
28 जनवरी को राजधानी पहुंचे प्रदर्शनकारी
सरकार को झुकता न देख कुछ ट्रक ड्राइवरों ने पश्चिमी कनाडा में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे ट्रकों के काफिले को 'फ्रीडम कॉन्वॉय 2022' नाम दिया गया और 28 जनवरी को यह काफिला राजधानी ओटावा पहुंच गया।
अगले दिन हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी और उनके समर्थक ओटावा की सड़कों पर उतर आए और संसद भवन के सामने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
इन प्रदर्शनकारियों को कई अन्य संगठनों का समर्थन भी मिलने लगा।
जानकारी
अज्ञात जगह पर ले जाए गए प्रधानमंत्री
बढ़ते प्रदर्शन के बीच 30 जनवरी को सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके परिवार को अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया था। कोरोना संक्रमण के चलते ट्रूडो पहले से ही आइसोलेशन में रहकर काम कर रहे थे।
ओटावा
करीब 1.5 किलोमीटर इलाका रेड जोन घोषित
अनिवार्य वैक्सीनेशन के खिलाफ शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता गया और प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के अन्य नीतियों के खिलाफ भी आवाज उठाने लगे।
वैक्सीनेशन को अनिवार्य किए जाने के फैसले को व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता पर हमला बताकर प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध जताया।
फिलहाल प्रदर्शनकारियों ने ओटावा सिटी सेंटर पर कब्जा किया हुआ है और पुलिस ने करीब 1.5 किलोमीटर के इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया है।
प्रदर्शन
सड़कों पर 400 से अधिक वाहनों का काफिला
ओट्टावा शहर के जिस इलाके में प्रदर्शनकारी डेरा जमाए हुए हैं, वहां पर कई सरकारी कार्यालय, संग्राहलय, व्यवसायिक इमारतें और अन्य महत्वपूर्ण ठिकाने हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में बताई गई है। वहीं स्थानीय पुलिस का कहना है कि 400 से अधिक ट्रक और दूसरे वाहन सड़कों और चौराहों पर खड़े हैं।
सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है और अब तक 23 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
बयान
"जरूरत पड़ी तो महीनों रुकने को तैयार"
अलजजीरा से बात करते हुए एक 49 वर्षीय ड्राइवर हेरॉल्ड जोंकर ने कहा, "अगर हमें रुकना पड़ा तो हम महीनों यहां रुक सकते हैं। सारी पाबंदियों और अनिवार्य वैक्सीनेशन को हटाकर देश में आजादी लानी है। हम यह नहीं जानते थे कि हमें इतना समर्थन मिलेगा।"
वहीं एक अन्य ड्राइवर ने बताया कि नए नियमों से उसके काम पर असर पड़ा है, जिससे उसकी आय प्रभावित हो रही है। वह चाहता है कि उसकी आवाज सुनी जाए।
जानकारी
दक्षिण एशियाई ड्राइवरों की संख्या कम
कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय ट्रक ड्राइवर काम करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, कनाडा में करीब 20 प्रतिशत दक्षिण एशियाई मूल के ट्रक ड्राइवर हैं और इनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के लोग है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस प्रदर्शन में दक्षिण एशियाई लोगों की भागीदारी बहुत कम है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि लगभग 98 प्रतिशत दक्षिण एशियाई ड्राइवरों को वैक्सीन लग चुकी है।
प्रदर्शन
सस्पेंशन ब्रिज बंद होने से कार उद्योग प्रभावित
सोमवार से प्रदर्शनकारियों ने दुनिया के सबसे बड़े सस्पेंशन ब्रिज को भी अवरूद्ध कर दिया है। यह ब्रिज ड्रेट्रॉयट को कनाडाई शहर विंडसर से जोड़ता है और इस रास्ते से अमेरिका और कनाडा के बीच करीब एक चौथाई व्यापार होता था।
इसके चलते इलाके में स्थित कई बड़ी कार कंपनियो के उत्पादन पर असर पड़ा है।
व्हाइट हाउस ने यह रास्ता खाली करने की अपील करते हुए कहा कि इसके बंद रहने से कार उद्योग को भारी नुकसान होगा।
जानकारी
कौन कर रहा प्रदर्शनकारियों का समर्थन?
कई दक्षिण-पंथी संगठनों के अलावा कनाडा की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। इनके अलावा ट्रक ड्राइवरों को पूर्व अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप, उनके बेटे और टेस्ला के फाउंडर एलन मस्क का भी साथ मिला है।
मौजूदा स्थिति
क्या सरकार मांगें मानने को तैयार है?
अल्बर्टा, क्यूबेक और प्रिंस एडवर्ड जैसे कई प्रांतों ने इस महीने से सभी पाबंदियों को खत्म करने का ऐलान किया है, लेकिन ट्रूडो ने फेडरल सरकार की तरफ से नियमों में ढील देने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा, "प्रदर्शनकारी हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे लोकतंत्र और हमारे नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं।"
पुलिस ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सड़कों को रोकने वाले आपराधिक कृत्य को अंजाम दे रहे हैं।
जानकारी
न्यूजीलैंड में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया
न्यूजीलैंड में भी ऐसा प्रदर्शन शुरू हुआ था, लेकिन यहां की सरकार ने कड़ा रवैया अपनाते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया है। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा कि प्रदर्शनकारी बहुसंख्यक नागरिकों को प्रतिनिधित्व नहीं करते और वो उनसे बात नहीं करेंगी।
जानकारी
फ्रांस में भी शुरू हुआ प्रदर्शन
फ्रांस में कनाडा के 'फ्रीडम कॉन्वॉय' की तर्ज पर प्रदर्शन शुरू हो गया है।
दरअसल, यहां की सरकार ने रेस्टोरेंट, थियेटर और दूसरी कई जगहों पर प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन का सबूत दिखाना अनिवार्य कर दिया है।
सोशल मीडिया पर इसके विरोध की शुरुआत हुई थी और अब लोग अपने ट्रक और वाहनों से राजधानी पेरिस को घेरने के लिए रवाना हो गए हैं। यहां भी प्रदर्शनकारियों को भारी समर्थन मिल रहा है।