NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    चीन समाचार
    पाकिस्तान समाचार
    अफगानिस्तान
    रूस समाचार
    श्रीलंका
    निक्की हेली
    यूक्रेन युद्ध
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / दुनिया-जहां: कनाडा में इन दिनों ट्रक ड्राइवर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
    दुनिया

    दुनिया-जहां: कनाडा में इन दिनों ट्रक ड्राइवर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?

    दुनिया-जहां: कनाडा में इन दिनों ट्रक ड्राइवर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
    लेखन प्रमोद कुमार
    Feb 10, 2022, 12:58 pm 1 मिनट में पढ़ें
    दुनिया-जहां: कनाडा में इन दिनों ट्रक ड्राइवर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
    दुनिया-जहां: कनाडा में इन दिनों प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?

    कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रक ड्राइवरों के प्रदर्शनों को 'अस्वीकार्य' करार दिया है। बुधवार को संसद में बोलते हुए ट्रूडो ने सरकार की तरफ से लगाई गई पाबंदियों को उचित ठहराया और कहा कि अवैध प्रदर्शन अस्वीकार्य हैं। गौरतलब है कि यहां पिछले महीने से प्रदर्शन चल रहे हैं और अब फ्रांस और न्यूजीलैंड आदि देशों में ऐसे प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। आइये जानते हैं कि इन प्रदर्शनों की शुरुआत कैसे हुई।

    कैसे हुई प्रदर्शनों की शुरुआत?

    15 जनवरी को कनाडाई सरकार ने एक नियम लागू किया था। इसके तहत कनाडा में प्रवेश कर रहे ट्रक ड्राइवरों को वैक्सीनेशन का सबूत दिखाना अनिवार्य किया गया था। अगर कोई ड्राइवर सबूत नहीं दिखा पाता तो नियम के अनुसार उसे क्वारंटाइन में रहना होगा। लगभग एक हफ्ते बाद अमेरिका ने भी ऐसा नियम लागू कर दिया। इन दोनों देशों के बीच सड़क मार्ग से अच्छा-खासा आयात और निर्यात होता है और इसमें ट्रक ड्राइवरों की अहम भूमिका है।

    ड्राइवरों को रास नहीं आया नियम

    ट्रक ड्राइवरों को कनाडा का नियम पसंद नहीं आया और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ड्राइवरों ने वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने का विरोध करते हुए कहा कि उनका अधिकतर समय ट्रकों में अकेले बीतता है और वो दूसरे लोगों के संपर्क में नहीं आते। ऐसे में सरकार को पहले की तरह ट्रक ड्राइवरों को वैक्सीनेशन से छूट देनी जारी रखनी चाहिए। वहीं सरकार ने इस मांग के आगे झुकने से मना कर दिया।

    28 जनवरी को राजधानी पहुंचे प्रदर्शनकारी

    सरकार को झुकता न देख कुछ ट्रक ड्राइवरों ने पश्चिमी कनाडा में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे ट्रकों के काफिले को 'फ्रीडम कॉन्वॉय 2022' नाम दिया गया और 28 जनवरी को यह काफिला राजधानी ओटावा पहुंच गया। अगले दिन हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी और उनके समर्थक ओटावा की सड़कों पर उतर आए और संसद भवन के सामने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इन प्रदर्शनकारियों को कई अन्य संगठनों का समर्थन भी मिलने लगा।

    अज्ञात जगह पर ले जाए गए प्रधानमंत्री

    बढ़ते प्रदर्शन के बीच 30 जनवरी को सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके परिवार को अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया था। कोरोना संक्रमण के चलते ट्रूडो पहले से ही आइसोलेशन में रहकर काम कर रहे थे।

    करीब 1.5 किलोमीटर इलाका रेड जोन घोषित

    अनिवार्य वैक्सीनेशन के खिलाफ शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता गया और प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के अन्य नीतियों के खिलाफ भी आवाज उठाने लगे। वैक्सीनेशन को अनिवार्य किए जाने के फैसले को व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता पर हमला बताकर प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध जताया। फिलहाल प्रदर्शनकारियों ने ओटावा सिटी सेंटर पर कब्जा किया हुआ है और पुलिस ने करीब 1.5 किलोमीटर के इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया है।

    सड़कों पर 400 से अधिक वाहनों का काफिला

    ओट्टावा शहर के जिस इलाके में प्रदर्शनकारी डेरा जमाए हुए हैं, वहां पर कई सरकारी कार्यालय, संग्राहलय, व्यवसायिक इमारतें और अन्य महत्वपूर्ण ठिकाने हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में बताई गई है। वहीं स्थानीय पुलिस का कहना है कि 400 से अधिक ट्रक और दूसरे वाहन सड़कों और चौराहों पर खड़े हैं। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है और अब तक 23 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

    "जरूरत पड़ी तो महीनों रुकने को तैयार"

    अलजजीरा से बात करते हुए एक 49 वर्षीय ड्राइवर हेरॉल्ड जोंकर ने कहा, "अगर हमें रुकना पड़ा तो हम महीनों यहां रुक सकते हैं। सारी पाबंदियों और अनिवार्य वैक्सीनेशन को हटाकर देश में आजादी लानी है। हम यह नहीं जानते थे कि हमें इतना समर्थन मिलेगा।" वहीं एक अन्य ड्राइवर ने बताया कि नए नियमों से उसके काम पर असर पड़ा है, जिससे उसकी आय प्रभावित हो रही है। वह चाहता है कि उसकी आवाज सुनी जाए।

    दक्षिण एशियाई ड्राइवरों की संख्या कम

    कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय ट्रक ड्राइवर काम करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, कनाडा में करीब 20 प्रतिशत दक्षिण एशियाई मूल के ट्रक ड्राइवर हैं और इनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के लोग है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस प्रदर्शन में दक्षिण एशियाई लोगों की भागीदारी बहुत कम है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि लगभग 98 प्रतिशत दक्षिण एशियाई ड्राइवरों को वैक्सीन लग चुकी है।

    सस्पेंशन ब्रिज बंद होने से कार उद्योग प्रभावित

    सोमवार से प्रदर्शनकारियों ने दुनिया के सबसे बड़े सस्पेंशन ब्रिज को भी अवरूद्ध कर दिया है। यह ब्रिज ड्रेट्रॉयट को कनाडाई शहर विंडसर से जोड़ता है और इस रास्ते से अमेरिका और कनाडा के बीच करीब एक चौथाई व्यापार होता था। इसके चलते इलाके में स्थित कई बड़ी कार कंपनियो के उत्पादन पर असर पड़ा है। व्हाइट हाउस ने यह रास्ता खाली करने की अपील करते हुए कहा कि इसके बंद रहने से कार उद्योग को भारी नुकसान होगा।

    कौन कर रहा प्रदर्शनकारियों का समर्थन?

    कई दक्षिण-पंथी संगठनों के अलावा कनाडा की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। इनके अलावा ट्रक ड्राइवरों को पूर्व अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप, उनके बेटे और टेस्ला के फाउंडर एलन मस्क का भी साथ मिला है।

    क्या सरकार मांगें मानने को तैयार है?

    अल्बर्टा, क्यूबेक और प्रिंस एडवर्ड जैसे कई प्रांतों ने इस महीने से सभी पाबंदियों को खत्म करने का ऐलान किया है, लेकिन ट्रूडो ने फेडरल सरकार की तरफ से नियमों में ढील देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, "प्रदर्शनकारी हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे लोकतंत्र और हमारे नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं।" पुलिस ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सड़कों को रोकने वाले आपराधिक कृत्य को अंजाम दे रहे हैं।

    न्यूजीलैंड में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया

    न्यूजीलैंड में भी ऐसा प्रदर्शन शुरू हुआ था, लेकिन यहां की सरकार ने कड़ा रवैया अपनाते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया है। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा कि प्रदर्शनकारी बहुसंख्यक नागरिकों को प्रतिनिधित्व नहीं करते और वो उनसे बात नहीं करेंगी।

    फ्रांस में भी शुरू हुआ प्रदर्शन

    फ्रांस में कनाडा के 'फ्रीडम कॉन्वॉय' की तर्ज पर प्रदर्शन शुरू हो गया है। दरअसल, यहां की सरकार ने रेस्टोरेंट, थियेटर और दूसरी कई जगहों पर प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन का सबूत दिखाना अनिवार्य कर दिया है। सोशल मीडिया पर इसके विरोध की शुरुआत हुई थी और अब लोग अपने ट्रक और वाहनों से राजधानी पेरिस को घेरने के लिए रवाना हो गए हैं। यहां भी प्रदर्शनकारियों को भारी समर्थन मिल रहा है।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    ताज़ा खबरें
    फ्रांस
    कनाडा
    न्यूजीलैंड
    जस्टिन ट्रूडो

    ताज़ा खबरें

    UPSC की परीक्षा में पूछे जाते हैं विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े सवाल, ऐसे करें तैयारी UPSC (संघ लोक सेवा आयोग)
    लक्षद्वीप के NCP सांसद मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल, जनवरी में घोषित हुए थे अयोग्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)
    जन्मदिन विशेष: विजय वर्मा ने अभिनेता बनने के लिए छोड़ दिया था अपना घर विजय वर्मा
    प्रियंका चोपड़ा ने समर्थन में आईं बहन मीरा चोपड़ा, जानें और किसने क्या कहा प्रियंका चोपड़ा

    फ्रांस

    फ्रांस ने टिक-टॉक के साथ-साथ इन मशहूर ऐप्स पर लगाया प्रतिबंध टिक-टॉक
    फ्रांस से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले वैज्ञानिक जीन-जैक्स फेवियर का निधन अंतरिक्ष
    फ्रांस: सरकारी काम के लिए इस्तेमाल होने वाले फोन्स में टिक-टॉक के इस्तेमाल पर लगी रोक टिक-टॉक
    बुगाटी की एक कार को आकर्षक रंग देने में लगते हैं लगभग 600 घंटे बुगाटी

    कनाडा

    खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन पर भारत ने कनाडा के उच्चायोग को किया तलब  खालिस्तान
    कनाडा: 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने बनाया सबसे अधिक रक्तदान करने का विश्व रिकॉर्ड  गिनीज बुक
    ऑस्ट्रेलिया: ब्रिस्बेन में मंदिर को पहुंचाया गया नुकसान, खालिस्तानी समर्थकों का हाथ होने का शक ऑस्ट्रेलिया
    अक्षय कुमार जल्द कनाडाई नागरिकता छोड़ेंगे, कहा- भारत मेरे लिए सबकुछ  अक्षय कुमार

    न्यूजीलैंड

    न्यूजीलैंड से पहले ये देश टिक-टॉक पर लगा चुके हैं प्रतिबंध टिक-टॉक
    न्यूजीलैंड में आया 6.1 तीव्रता का भूकंप, नुकसान की कोई खबर नहीं भूकंप
    न्यूजीलैंड: समुद्र में तैरता मिला 3.2 टन कोकीन, 30 साल तक आपूर्ति के लिए पर्याप्त ड्रग रैकेट
    क्रिस हिपकिंस होंगे न्यूजीलैंड के अगले प्रधानमंत्री, लेंगे जेसिंडा अर्डर्न की जगह कोरोना वायरस

    जस्टिन ट्रूडो

    अब कनाडा के आसमान से मार गिराई गई अज्ञात वस्तु, हालिया दिनों में तीसरा मामला  अमेरिका
    कनाडा में अगले दो साल तक घर नहीं खरीद सकेंगे भारतीय, ट्रूडो सरकार ने लगाया प्रतिबंध कनाडा
    कनाडा में 13 जगहों पर चाकू से हमला; 10 की मौत, 15 घायल कनाडा
    कनाडा: प्रदर्शनों के बीच लगाया गया इमरजेंसी एक्ट क्या है और यह क्यों लागू होता है? कनाडा

    दुनिया की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    World Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू IPL 2023
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023