
पुतिन से मिलने के बाद ट्रंप बदले, कहा- यूक्रेन को न क्रीमिया मिलेगा और न NATO
क्या है खबर?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदले हैं। अब वे यूक्रेन के वोलोडिमीर जेलेंस्की पर शांति समझौते का दबाव बना रहे हैं। अब उन्होंने कहा कि यूक्रेन को न क्रीमिया वापस मिलेगा और न उसे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल किया जाएगा। पिछले दिनों पुतिन पर हावी दिखने वाले ट्रंप अब कह रहे हैं कि यूक्रेन चाहे तो युद्ध खत्म कर सकता है या आगे लड़ सकता है।
बदलाव
ट्रंप ने क्या लिखा?
ट्रंप ने बराक ओबामा को क्रीमिया पर रूसी कब्जे के लिए दोषी ठहराया और बिना गोली कब्जे की अनुमति देने का आरोप लगाकर लिखा, 'यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ युद्ध तुरंत खत्म कर सकते हैं, या लड़ाई जारी रख सकते हैं। याद कीजिए इसकी शुरुआत कैसे हुई थी। ओबामा को क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा (12 साल पहले, बिना एक भी गोली चलाए!) और यूक्रेन का NATO में शामिल होना भी नहीं होगा। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं!!!'
मुलाकात
जेलेंस्की और ट्रंप की आज होनी है मुलाकात
जेलेंस्की सोमवार को ट्रंप से मिलने के लिए वाशिंगटन डीसी जाएंगे। यहां ट्रंप और यूरोपीय नेताओं के साथ उनकी बैठक होगी। ट्रंप का यह बयान जेलेंस्की के साथ बैठक से पहले आया है, जिससे साफ है कि वे यूक्रेन पर ही युद्ध रोकने का दबाव बनाएंगे और रूस के प्रति नरम दिखेंगे। जबकि ट्रंप के मुख्य वार्ताकार और ट्रंप-पुतिन बैठक में शामिल स्टीव विटकॉफ ने कहा था कि अमेरिका और यूरोप यूक्रेन को NATO में शामिल करने को तैयार हैं।
कब्जा
रूस ने 2014 में क्रीमिया पर किया था कब्जा
क्रीमिया पूर्वी यूरोप में काला सागर पर स्थित एक प्रायद्वीप है, जो 2014 तक यूक्रेन का हिस्सा था। फरवरी 2014 में ओबामा के समय यूक्रेन में राजनीतिक अस्थिरता के बीच रूस समर्थक सशस्त्र लोगों ने क्रीमिया में संसद-सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया। क्रीमियाई संसद और जनमत संग्रह में रूस के पक्ष में वोट पड़ा। पुतिन ने क्रीमिया को रूसी फेडरेशन में शामिल किया। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय संघ आज भी क्रीमिया को यूक्रेन का हिस्सा मानते हैं।