यूक्रेन युद्ध: प्रधानमंत्री ने की बैठक, छात्रों के निकासी अभियान के लिए भेजे जाएंगे केंद्रीय मंत्री
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह यूक्रेन में चल रहे युद्ध और वहां फंसे भारतीय छात्रों के मामले पर एक उच्च स्तरीय बैठक की है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद और उनके निकासी अभियान के समन्वय के लिए केंद्रीय मंत्रियों को युद्धग्रस्त देश के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला किया है।
हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीके सिंह और किरेन रिजीजू को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जा सकता है।
हालात
यूक्रेन में फंसे हैं हजारों भारतीय छात्र
अनुमान है कि करीब 16,000 भारतीय छात्र इस वक्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
कुछ छात्र युद्ध शुरू होने से पहले देश लौट आए थे और कुछ को 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में छात्र यूक्रेन में युद्ध का सामना कर रहे हैं।
विपक्षी पार्टियों ने वहां फंसे छात्रों के वीडियो संदेश शेयर कर सरकार से उन्हें जल्द देश वापस लाने की मांग की है।
योजना
पड़ोसी देशों के रास्ते छात्रों को निकाल रहा है भारत
भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकाल रही है। इसके लिए छात्रों से इन देशों की सीमाओं तक आने को कहा जा रहा है।
यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों को जानकारी दिए बगैर छात्र सीमा की तरफ न आएं। बिना सूचित किए आने वाले छात्रों की मदद करना मुश्किल हो रहा है।
दूतावास ने पश्चिमी यूक्रेन में रह रहे छात्रों को सुरक्षित ठिकानों पर रहने की सलाह दी है।
ट्विटर पोस्ट
भाजपा सांसद ने सरकार पर साधा निशाना
सही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 28, 2022
ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है।
हर आपदा में ‘अवसर’ नही खोजना चाहिए। pic.twitter.com/6GIhJpmcDF
आरोप
छात्रों ने लगाए यूक्रेनियन अधिकारियों पर बदसलूकी के आरोप
यूक्रेन छोड़कर पोलैंड जा रहे कई भारतीय छात्रों ने स्थानीय अधिकारियों पर बदसलूकी और मारपीट के आरोप लगाए हैं। भारतीय छात्रों का आरोप है कि उन्हें बंधकों जैसी स्थिति में रखा गया और उन्हें खाने और पानी के लिए तरसना पड़ा।
ऐसी भी वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें यूक्रेनियन बलों को छात्रों तो तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करते देखा जा सकता है।
कई छात्रों ने भारतीय अधिकारियों पर भी सहयोग न करने का आरोप लगाया है।
यूक्रेन युद्ध
यूक्रेन के लिए अगले 24 घंटे बेहद अहम
यूक्रेन पर रूस के हमले का आज पांचवां दिन है। रूस के लगातार बढ़ते हमलों के बीच यूक्रेनियन राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को बताया है कि उनके देश के लिए अगले 24 घंटे बेहद अहम है।
इसी बीच दोनों देश बेलारूस में बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं।
दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक प्रस्ताव पारित कर यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की आपात बैठक बुलाई है।
हालात
यूक्रेन में कैसे हैं हालात?
रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिण पूर्व में स्थित तटीय शहर बेर्डियांस्क पर कब्जा कर लिया है। काला सागर के तटीय इलाकों में रूसी सेना लगातार आगे बढ़ रही है।
खारकीव शहर में भी रूसी सेना घुस चुकी थी, लेकिन यूक्रेन का दावा है कि उसने शहर को वापस अपने नियंत्रण में ले लिया है।
राजधानी कीव अभी यूक्रेन के नियंत्रण में है, लेकिन बड़ी संख्या में रूसी सैनिक और टैंक राजधानी कीव की तरफ बढ़ रहे हैं।