यूक्रेन से 240 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंची एयर इंडिया की पहली उड़ान

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे उच्च स्तरीय तनाव के बीच वहां फंसे भारतीयों को निकालने की योजना में मंगलवार को बड़ी सफलता मिली है। यूक्रेन में रहने वाले भारतीय नागरिकों को लेने के लिए मंगलवार को दिल्ली से रवाना हुई एयर इंडिया की पहली उड़ान 240 भारतीयों को लेकर देर रात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच गई। भारत पहुंचने के बाद लोगों ने खुशी जताते हुए सरकार और एयर इंडिया का आभार जताया है।
बता दें कि यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की पहली उड़ान AI1947 मंगलवार सुबह दिल्ली से यूक्रेन के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद 256 सीटों की क्षमता वाला ड्रीमलाइनर B-787 विमान शाम करीब 6 बजे राजधानी कीव के बॉरिस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 240 भारतीयों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गया। इसमें अधिकतर वहां मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र थे। यह उड़ान रात करीब 11:40 बजे दिल्ली पहुंच गई।
एक भारतीय छात्र शिवम चौधरी ने दिल्ली पहुंचने पर खुशी जताते हुए समाचार एजेंसी ANI से कहा, "वहां तनाव का ज्यादा असर नहीं है और माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है, लेकिन जिस तरह से चीजें चल रही हैं और सूचनाएं आ रही है, उससे लोगों में दहशत बनी हुई है। हमें नहीं पता कि आने वाले दिनों में क्या होगा।" एक अन्य छात्र ने कहा कि यूक्रेन से वापस लौटने पर उसके माता-पिता काफी राहत महसूस कर रहे हैं।
यूक्रेन से एयर इंडिया की उड़ान के रवाना होने से पहले का वीडियो भी सामने आया है। उसके विमान में सवार भारतीय नागरिकों को खुशी का इजहार करते हुए देखा जा सकता है। सभी लोग हाथों से जीत का सिंबल बनाते देखे जा सकते हैं।
#WATCH | Air India special flight carrying around 242 passengers from Ukraine reaches Delhi pic.twitter.com/ctuW0sA7UY
— ANI (@ANI) February 22, 2022
यूक्रेन संकट के बीच भारतीयों को वहां निकालने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गत दिनों द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत और यूक्रेन के बीच संचालित की जा सकने वाली उड़ानों की संख्या पर लागू प्रतिबंध को हटा दिया है। इससे अब दोनों देशों के बीच कितनी भी उड़ाने संचालित हो सकती है। इसके अलावा एयर इंडिया ने 22, 24 और 26 फरवरी को भारत-यूक्रेन के बीच तीन विशेष उड़ानें संचालित करने का ऐलान किया है।
यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को नई एडवाइजरी जारी कर वहां रह रहे भारतीय नागरिक, खासकर छात्र जिनका वहां रहना जरूरी नहीं है, उन्हें अस्थायी तौर पर देश छोड़ने की सलाह दी है। इसके अलावा लोगों को सुरक्षित और समय पर रवानगी के लिए उपलब्ध वाणिज्यिक और चार्टर उड़ानों का लाभ उठाने के लिए भी कहा है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने दूतावास अधिकारियों और कर्मचारियों के परिजनों को भी वापस आने को कहा है।
यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की संख्या की पुख्ता जानकारी अभी नहीं है, लेकिन 2020 के एक आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रह रहे हैं। इनमें से करीब 18,000 छात्र हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं।
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।
वर्तमान में यूक्रेन में हालात काफी तनावपूर्ण है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 1.30 लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं और सोमवार को उसने यूक्रेन की सेना पर बमबारी का आरोप लगाया था। हालांकि, यूक्रेन ने इसे पूरी तरह खारिज किया था। इसके बाद रूस ने यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों लुहान्स्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर मान्यता दे दी। रूस के इस कदम का अमेरिका सहित पश्चिमी और यूरोपीय देशों ने कड़ा विरोध किया है।