अग्निपथ योजना: हिंसक प्रदर्शनों के बीच बढ़ाई गई सेना में भर्ती की उम्र सीमा
सेना में भर्ती के लिए केंद्र की तरफ से लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। भाजपा के कई सहयोगियों ने भी इस पर सवाल उठाते हुए समीक्षा की मांग की है। इन सबके बीच सरकार ने भर्ती के लिए उम्र सीमा को दो साल बढ़ा दिया है। गुरुवार को केंद्र की तरफ से ऐलान किया गया कि अब 21 साल की जगह 23 साल तक के उम्मीदवार सेना की भर्ती में शामिल हो सकेंगे।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सेना के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।
इस आधार पर बढ़ाई गई अधिकतम उम्र सीमा
केंद्र सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले दो सालों से सेना की भर्ती नहीं हुई है। इसलिए एक बार के लिए भर्ती की अधिकतम उम्र में दो साल का इजाफा किया जा रहा है। इसका मतलब है कि इस वर्ष 23 साल तक की उम्र के युवाओं के पास सेना में भर्ती होने का मौका होगा। उम्र सीमा में यह छूट केवल इस वर्ष होने वाली भर्ती के लिए मिलेगी।
अग्निपथ योजना के विरोध में कई जगह हिंसक प्रदर्शन
केंद्र सरकार ने मंगलवार को चार सालों के लिए सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया था और इसके बाद से ही इसका विरोध शुरू हो गया। गुरुवार को हरियाणा और बिहार समेत कई जगहों पर यह प्रदर्शन हिंसक हो गया और उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और कई जगह आगजनी हुई। बिहार के कैमूर में प्रदर्शनकारियों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस के शीशे तोड़ दिये और एक बोगी को आग के हवाले कर दिया।
पलवल में धारा 144 लागू
हरियाणा के पलवल में उपायुक्त कार्यालय का घेराव कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पांच सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हिंसक झड़प में 20 के करीब पुलिसकर्मी और सरकारी अधिकारी घायल हुए हैं। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है और इंटरनेट सेवाओं के निलंबित कर दिया है।
जदयू ने की योजना की समीक्षा की मांग
बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना का समीक्षा करने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और सरकार को छात्रों के प्रतिनिधियों से भी बात करनी चाहिए।
किन बातों को लेकर आक्रोशित हैं युवा?
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवा स्थायी नहीं होंगे और न ही उन्हें पेंशन मिलेगी, हालांकि उन्हें चार साल बाद 10-11 लाख की एकमुश्त राशि दी जाएगी। युवाओं में इसी को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसी तरह कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी पार्टियां भी इसे लेकर सरकार पर हमलावर बनी हुई हैं। भाजपा सांसद वरुण गांधी भी इस मामले में युवाओं का पक्ष ले रहे हैं।