सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप लगने के बाद PFI को बैन कर सकता है केंद्र- रिपोर्ट
क्या है खबर?
केंद्र सरकार जल्द ही विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा सकती है।
दरअसल, रामनवमी के मौके पर देश के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे PFI का हाथ होने की बात कही जा रही है।
बताया जा रहा है कि PFI पर प्रतिबंध लगाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर सकती है। इसी सप्ताह PFI पर प्रतिबंध लगने की संभावना जताई जा रही है।
पृष्ठभूमि
2006 में अस्तित्व में आया था PFI
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है और यह खुद को पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
यह संगठन पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था। उस दौरान संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थी।
यह देश के कई हिस्सों में अपने पैर जमा चुका है।
बैन
केंद्रीय अधिसूचना के जरिये बैन लगाने की तैयारी- रिपोर्ट
PFI पर अभी भी कई राज्यों में प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन न्यूज18 के अनुसार, अब केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर इस पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि रामनवमी के मौके पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं हुई थीं।
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रमुख वीडी शर्मा ने आरोप लगाया था कि राज्य के खरगौन जिले में हुई हिंसा के पीछे PFI का हाथ है।
जानकारी
2010 में खुफिया विभाग ने तैयार किया था डॉजियर
खुफिया विभाग ने 2010 में पहली बार PFI पर डॉजियर तैयार किया था।
इसमें बताया गया था कि PFI इस्लामिक संगठनों का एक संघ है, जो प्रतिबंधित संगठन SIMI (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के सहयोग से चल रहा है।
इसमें आगे बताया गया था कि गोवा का सिटीजन्स फोरम, पश्चिम बंगाल की नागरिक अधिकार सुरक्षा समिति, आंध्र का एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस, मणिपुर का लियोंग सोशल फोरम आदि सब PFI के बढ़ते नेटवर्क का हिस्सा है।
प्रतिबंध
2017 में प्रतिबंध की मांग ने पकड़ा जोर
2017 में PFI पर प्रतिबंध की मांग ने जोर पकड़ लिया था। दरअसल, उस समय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गृह मंत्रालय को एक डॉजियर सौंपा था। इसमें बताया गया था कि एजेंसी ने आतंकी गतिविधियों से जुड़े जिन मामलों की जांच की है, उनमें से कई के साथ PFI के कथित संबंध पाए गए हैं।
बता दें कि PFI सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से एक राजनीतिक पार्टी भी चलाता है, जिसने केरल में पंचायत चुनाव लड़े थे।
जानकारी
इन मामलों के पीछे PFI का हाथ होने की बात
NIA ने अपने डॉजियर में बेंगलुरू बम धमाके के पीछे भी PFI और SDPI का हाथ बताया था। इसके लिए केरल के प्रोफेसर के हाथ काटने और केरल लव जिहाद समेत कई मामलों में PFI की कथित संलिप्तता की बात कही थी।