गुजरात: 10 सालों में पहली बार 2021 में कोई घुसपैठ नहीं कर पाया पाकिस्तान- BSF
क्या है खबर?
गुजरात में पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी करने वाली सीमा सुरक्षा बल (BSF) की गुजरात फ्रंटियर कमान की मुस्तैदी के चलते पाकिस्तान पिछले साल यानी 2021 में इस क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं कर पाया है। पिछले 10 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है।
गुजरात फ्रंटियर कमान के महानिरीक्षक (IG) ज्ञानेंद्र सिंह मलिक ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि जवानों की सतर्कता के कारण ही यह संभव हो पाया है।
BSF
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में राजस्थान के बाड़मेर से गुजरात के कच्छ तक 85 किलोमीटर तटीय क्षेत्र सहित कुल 826 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से लगती है।
इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी BSF की गुजरात फ्रंटियर कमान संभालती है।
इस क्षेत्र में हरामीनाला व क्रीक इलाके पाकिस्तान की ओर से लगातार घुसपैठ की जाती है, लेकिन पिछले साल BSF जवानों की मुस्तैदी से इस इलाके में कोई घुसपैठ नहीं हो पाई।
कार्रवाई
BSF जवानों ने पिछले साल घुसपैठ की कोशिश करने वाले 29 लोग पकड़े- सिंह
IG मलिक ने कहा, "BSF जवानों ने पिछले साल गुजरात की सटती हुई अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करते हुए 29 लोगों को घुसपैठ की कोशिश करते हुए पकड़ा था। इसमें तीन पाकिस्तानी और 2 बंगलादेशी नागरिकों के अलावा 24 भारतीय नागरिक भी शामिल थे।"
उन्होंने आगे कहा, "24 भारतीय नागरिकों में से दो पंजाब के तस्कर थे जो सीमा पार से प्रयोजित अपराध में संलिप्त थे। वो पाकिस्तानी तस्करों से 15 किलो हेरोइन का जत्था लेने आए थे।"
चरस
"गुजरात पोर्ट से बरामद किए गए हैं चरस के 1,428 पैकेट"
IG मलिक ने कहा, "BSF जवानों और अन्य एजेंसियों ने जून 2020 से लेकर अब तक जखौ बंदरगाह के पास से चरस के 1,428 संदेहास्पद पैकेट बरामद किए हैं। इनमें पाकिस्तानी तस्करों की ओर से कराची तट से दूर समुद्र में फेंके गए चरस भी शामिल हैं।"
उन्होंने कहा, "जवानों ने अनजाने में सीमा पार करने को लेकर एक बच्चे और बुजुर्ग सहित तीन पाकिस्तानी नागरिकों को विश्वास के तहत पड़ोसी देश को वापस लौटाया भी गया है।"
सद्भावना
BSF ने सीमा पर पूरे किए सभी सद्भावना दायित्व- मलिक
IG मलिक ने कहा, "BSF जवानों ने सीमा की सुरक्षा के साथ सभी सद्भावना दायित्वों को भी बखूबी पालन किया है। इसमें उचित संचार सुनिश्चित करने के लिए कंपनी कमांडर के स्तर पर सीमा पर तैनात पाकिस्तान रेंजर्स के साथ कार्यात्मक संपर्क करना, ईद, दिवाली और दोनों देशों के स्वतंत्रता दिवस पर पर मिठाई का आदान-प्रदान करना शामिल है।"
उन्होंने कहा, "पिछले साल दोनों देशों की सेना के बीच किसी तरह का तनाव भी नहीं रहा है।"
सफलता
सीमा पर प्रभावी उपस्थिति से मिली घुसपैठ रोकने में सफलता- मलिक
IG मलिक ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय सीमा इलाके में कई सारी चुनौतियों के बावजूद हमने सीमा पर प्रभावी रूप से अपना वर्चस्व कायम किया है। इसके कारण ही पिछले 10 सालों में पहली बार 2021 में पाकिस्तान की ओर से हरामीनाला क्षेत्र, क्रीक क्षेत्र और खाड़ी से पाकिस्तानी मछली पकड़ने की आवाजाही की प्रभावी जांच के कारण भारत में कोई भी घुसपैठ नहीं हुई।"
उन्होंने कहा, "यह सीमा पर प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने से ही संभव हुआ है।"
घुसपैठ
घुसपैठ की घटनाओं में लगातार आ रही है कमी
बता दें कि सेना की मुस्तैदी के कारण सीमा पार से होने वाली घुसपैठ की घटनाओं में लगातार कमी आ रही है। जहां उत्तर-पश्चिम सीमा पर पिछले साल पाकिस्तान की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हो पाई, वहीं कश्मीर क्षेत्र में यह संख्या महज 31 की रही है।
हालांकि, साल 2018 में कश्मीर क्षेत्र में घुसपैठ की कुल 143 घटनाए हुई थी, लेकिन सेना की सख्ती और सर्च अभियानों के कारण समय के साथ इनमें लगातार कमी आ रही है।