अगले महीने शुरू हो सकता है पहली स्वदेशी mRNA वैक्सीन का इंसानी ट्रायल
क्या है खबर?
भारत की पहली स्वदेशी mRNA वैक्सीन का इंसानी ट्रायल अगले महीने शुरू हो सकता है।
पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल ने अपनी वैक्सीन के दूसरे चरण के आंकड़े जमा कर दिए हैं और तीसरे चरण की तैयारियां भी पूरी कर ली है।
जल्द ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) आंकड़ों का विश्लेषण कर इसकी हरी झंडी दे सकती है।
बता दें कि सितंबर में कंपनी को दूसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिली थी।
न्यूजबाइट्स प्लस
क्या होती है mRNA वैक्सीन?
मैसेंजर RNA या mRNA वैक्सीनों में वायरस के जेनेटिक कोड (RNA) के एक छोटे हिस्से का इस्तेमाल किया जाता है और इसमें असली वायरस नहीं होता।
इंसानी शरीर में जाकर यह वैक्सीन इम्युन सिस्टम को कोरोना वायरस जैसे प्रोटीन बनाने का संदेश देती है, जिसे देखकर शरीर एंटीबॉडी बनाने लगता है।
फाइजर और मॉडर्ना ने इस तकनीक के सहारे कोरोना वैक्सीन तैयार की हैं। भारत में जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल लिमिटेड इस तकनीक से वैक्सीन तैयार कर रही है।
जानकारी
जेनोवा ने ओमिक्रॉन के लिए भी बनाई है वैक्सीन
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई जानकारी में बताया गया है कि जेनोवा ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए भी mRNA वैक्सीन तैयार की है। ट्रायल के दौरान इंसानों पर इसकी प्रभावशीलता को जांचा जाएगा।
mRNA वैक्सीन तैयार करने के लिए जेनोवा अमेरिकी कंपनी HDT बायोटेक कारपोरेशन के साथ मिलकर काम कर रही है और इसके लिए भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने भी सहयोग किया है।
जानकारी
22-27 जगहों पर होगा तीसरा चरण का ट्रायल
इस वैक्सीन के लिए ट्रायल के लिए कंपनी ने 22-27 जगहों का चुनाव किया है। अगर इस चरण के नतीजे सफल रहते हैं तो कंपनी की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के रास्ता साफ हो जाएगा।
विशेषज्ञ की राय
बूस्टर शॉट के लिए बेहतर रहती हैं mRNA वैक्सीनें- डॉ कांग
मशहूर वैक्सीन विशेषज्ञ डॉ गगनदीप कांग का कहना है कि mRNA वैक्सीनें कोरोना संक्रमण के खिलाफ बेहतर बूस्टर शॉट साबित हुई हैं और सरकार को इन्हें भारत में लाने पर विचार करना चाहिए।
पिछले महीने एक इंटरव्यू में जब उनसे बूस्टर शॉट के लिए वैक्सीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मौजूद वैश्विक आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि mRNA वैक्सीनें बूस्टर के तौर पर सबसे बेहतर साबित हुई हैं।
वैक्सीनेशन अभियान
अब तक आठ वैक्सीनों को मिली मंजूरी
देश में अब तक आठ वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है।
इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और कोवावैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V, बायोलॉजिकल-ई की कोर्बेवैक्स, मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक की वैक्सीन और जायडस कैडिला की DNA वैक्सीन शामिल हैं।
हालांकि देश में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कोविशील्ड और कोवैक्सिन का ही हो रहा है। स्पूतनिक-V की भी कुछ खुराकें लगाई गई हैं।
वैक्सीनेशन
वैक्सीनेशन अभियान को हुआ एक साल पूरा
16 जनवरी को भारत के वैक्सीनेशन अभियान को एक साल पूरा हो गया।
अभी तक देश की 92 प्रतिशत से अधिक व्यस्क आबादी को एक और 70 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
कुल खुराकों की बात करें तो अभी तक देश में 1,57,20,41,825 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 39,46,348 खुराकें कल लगाई गई थीं।
देश में 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा रही है।