भारत के कोविड वैक्सीनेशन अभियान को हुआ एक साल, जानें अब तक कब और क्या-क्या हुआ
कोरोना वायरस के खिलाफ भारत के वैक्सीनेशन अभियान को आज एक साल हो गया है। आज से ठीक एक साल पहले 16 जनवरी को ही देश में कोविड वैक्सीनेशन शुरू हुआ था जो कई मुश्किलों और व्यवधानों को पार करते हुए आज अच्छी रफ्तार से जारी है। देश में अब तक कोविड वैक्सीन की लगभग 1.57 करोड़ खुराकें लग चुकी हैं। आइए आपको बताते हैं कि पिछले एक साल में वैक्सीनेशन अभियान के दौरान क्या-क्या रहा।
कब किसके लिए खोला गया वैक्सीनेशन अभियान?
भारत का वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ और पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई। 2 फरवरी को इसे पुलिस और सफाईकर्मियों जैसे फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए खोल दिया गया। 1 मार्च से 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ और मई की शुरुआत से 18 साल से ऊपर के सभी व्यस्कों को इसमें शामिल कर लिया गया।
बच्चों का वैक्सीनेशन और बूस्टर खुराक लगना कब शुरू हुआ?
वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के लगभग एक साल बाद 3 जनवरी से देश में बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया। अभी देश में 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। 10 जनवरी से अधिक जोखिम वाले समूहों को बूस्टर खुराक भी लगाई जा रही है। स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मचारियों और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ये तीसरी खुराक लगाई जा रही है।
देश में किस वर्ग को लगीं कितनी खुराकें?
देश में अब तक लगभग 91 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 65.48 करोड़ लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं। 15-18 साल के बच्चों को 3.38 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं, वहीं 43.19 लाख बूस्टर खुराकें लगाई जा चुकी हैं। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को 22.60 करोड़ खुराकें लगाई गई हैं, वहीं 45 से 60 साल के लोगों को 37.10 करोड़ खुराकें लगाई गई हैं।
अन्य वर्गों की क्या स्थिति?
अन्य वर्गों की बात करें तो 18 से 44 साल के वयस्क लोगों को कोविड वैक्सीन की 93.32 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं। अब तब जो खुराकें लगी हैं, उनमें से 76.19 करोड़ महिलाओं को और 79.79 करोड़ पुरुषों को लगी हैं। 3.69 लाख से अधिक खुराकें ट्रांसजेंडर समुदाय को लगाई गई हैं। देश में अधिकांश खुराकें ग्रामीण इलाकों में लगाई गई हैं और इन इलाकों में 99 करोड़ से अधिक खुराकें लगी हैं।
92 प्रतिशत वयस्क आबादी को एक और 68 प्रतिशत को लगीं दोनों खुराकें
प्रतिशत के हिसाब से बात करें तो देश की 92 प्रतिशत वयस्क आबादी को कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 68 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराकें लग चुकी हैं। सरकार दिसंबर तक सभी के वैक्सीनेशन के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई।
किन वैक्सीनों का हो रहा इस्तेमाल?
देश में अब तक आठ वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और कोवावैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V, बायोलॉजिकल-ई की कोर्बेवैक्स, मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक की वैक्सीन और जायडस कैडिला की DNA वैक्सीन शामिल हैं। हालांकि देश में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कोविशील्ड और कोवैक्सिन का ही हो रहा है। स्पूतनिक-V की भी कुछ खुराकें लगाई गई हैं।