ओमिक्रॉन: WHO ने दी राहतभरी खबर, कहा- असरदार साबित हो सकती हैं मौजूदा वैक्सीनें
क्या है खबर?
ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर जताई जा रही तमाम आशंकाओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने राहत भरी खबर दी है।
संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है कि ओमिक्रॉन पुराने वेरिएंट्स की तुलना में अधिक घातक है और मौजूदा वैक्सीनें इसके खिलाफ काम नहीं करेंगी।
इससे पहले अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने भी कहा था कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से कम घातक हो सकता है।
बयान
लोगों को बीमार होने से बचा लेंगी मौजूदा वैक्सीनें- रेयान
समाचार एजेंसी AFP को दिए इंटरव्यू में WHO के आपातकालीन मामलों के निदेशक माइकल रेयान ने कहा कि अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं हैं, जो बताते हों कि ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के डेल्टा समेत पुराने वेरिएंट्स से अधिक गंभीर बीमार कर सकता है। साथ ही इसके वैक्सीन को चकमा देने के भी सबूत नहीं मिले हैं।
उन्होंने बताया कि मौजूदा वैक्सीनें ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति को भी गंभीर रूप से बीमार होने से बचा लेंगी।
बयान
"हमारे पास प्रभावशाली वैक्सीनें मौजूद"
रेयान ने कहा, "हमारे पास उच्च प्रभावशाली वैक्सीनें हैं, जो अभी तक के सारे वेरिएंट्स के खिलाफ असरकारक रही हैं और ऐसे कोई कारण नहीं हैं कि इन्हें ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी न माना जाए।"
हालांकि, उन्होंने ओमिक्रॉन के पूरे प्रभाव को समझने के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत बताई है।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय सामने आई है, जब एक अध्ययन में फाइजर की कोरोना वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी पाई गई है।
फाइजर वैक्सीन
अध्ययन से क्या जानकारी मिली है?
दक्षिण अफ्रीका में हुए एक शुरुआती अध्ययन में पता चला है कि फाइजर की वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ कम एंटीबॉडीज विकसित कर पाती है।
इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के वायरलॉजिस्ट प्रोफेसर एलेक्स सिगल ने कहा कि 12 लोगों के ब्लड सैंपल टेस्ट पर आधारित ये नतीजे उम्मीद से बढ़कर हैं। हालांकि, इस अध्ययन को पीयर रिव्यू नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि पुराना संक्रमण और वैक्सीनेशन इस वेरिएंट को निष्क्रिय कर सकते हैं।
जानकारी
महत्वपूर्ण साबित हो सकती है बूस्टर खुराक
वैज्ञानिकों का कहना है कि पुराना संक्रमण के बाद वैक्सीनेशन और बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन को निष्क्रिय करने में मददगार साबित होंगे और ये लोगों को गंभीर रूप से बीमार पड़ने से बचा सकते हैं। आने वाले दिनों में इससे संबंधित और आंकड़े सामने आएंगे।
ओमिक्रॉन
फाउची ने वेरिएंट को लेकर क्या कहा?
डॉ एंथनी फाउची ने कहा कि शुरूआती सबूत बताते हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा घातक नहीं है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि अभी इस पर ठोस आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं और स्थिति स्पष्ट होने में समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन अभी दुनियाभर में सबसे ज्यादा हावी डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले अधिक संक्रामक है, लेकिन यह कम घातक साबित हो सकता है।
उन्होंने भी ओमिक्रॉन को रोकने के लिए बूस्टर खुराक की सिफारिश भी की है।
न्यूजबाइट्स प्लस (बोनस इंफो)
खतरनाक क्यों माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पकड़ में आए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं।
विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है।
WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं
जानकारी
46 देशों में पहुंच चुका है ओमिक्रॉन
ओमिक्रॉन वेरिएंट अभी तक अमेरिका, जर्मनी, हांगकांग, बोत्सवाना समेत दुनिया के 46 देशों में पाया जा चुका है जिनमें भारत भी शामिल है। भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 23 मामले सामने आ चुके हैं।
सोमवार को मुंबई में इसके मामले पकड़ में आए। इससे पहले रविवार को दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान में इसके मामले सामने आए थे।
कर्नाटक और गुजरात में भी इस नए वेरिएंट के मामले पकड़ में आ चुके हैं।